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भागवत स्कंध. ७-५
प्रवास में विद्या मित्र होती है
सुभाषित चिंतन ६.१०
हमारी स्मृतियों में परम्परानुसार सर्वप्रथम स्वयं की माँ , गुरुपत्नि , ब्राह्मण स्त्री , राजपत्नि , गोमाता , दाई और पृथ्वी यह सात विशिष्ट माताएं बताई गई हैं
नीतीशतकातील हा श्लोक 'शिखरिणी' या अक्षरगणवृत्तामधे रचलेला आहे
कूकर शिर कारा परै, गिरै बदन ते लार।
नाबालिक बच्चों के हाथ में ई-रिक्शा
कंबल वितरण कार्यक्रम हुआ संपन्न
निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में 167 लोगों ने कराई स्वास्थ्य की जांच
महर्षि वशिष्ठ की क्षमाशीलता 
स्वामी विवेकानंद का प्रोमो उपस्थित है
 आज का वेदमंत्र,अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना
समय कितना मूल्यवान है यह बात समय खो देने के बाद ही मालूम हो पाती है
पुलिस प्रशासन का करे सहयोग : मेहताब पठान
हिंसक प्रदर्शनों की एसआईटी जांच के निर्देश