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आईएमएस में नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत ।



मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाइम ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
नोएडा। शाइनिंग सोल्स ट्रस्ट ने आईएमएस नोएडा के संयुक्त तत्वाधान में नशा मुक्ति युवा अभियान उड़ान की शुरुआत की। सेक्टर 62 स्थित संस्थान परिसर में आयोजित इस 3 दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे से बचाना और स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रेरित करना है। वहीं आज के कार्यक्रम में बतौर वक्ता आईएमएस के वाइस प्रेसिडेंट चिराग गुप्ता, महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. विकास धवन, डीन डॉ. नीलम सक्सेना, शाइनिंग सोल्स ट्रस्ट के संस्थापक राहुल सिन्हा एवं गौतम बुद्ध नगर की तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की जिला सलाहकार डॉ. श्वेता खुराना ने अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए आईएमएस के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. विकास धवन ने कहा कि नशा एक गंभीर सामाजिक समस्या है। यह न केवल युवाओं के भविष्य को प्रभावित करती है, बल्कि पूरे समाज की प्रगति में बाधा डालती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को नशे से बचाना एवं उन्हें स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रेरित करना है। वहीं आईएमएस के वाइस प्रेसिडेंट चिराग गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि नशा मुक्त समाज के निर्माण में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। युवा हमारा भविष्य है, यदि हम उन्हें सही मार्गदर्शन दें, तो वे न केवल अपने जीवन को संवार सकते हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं।शाइनिंग सोल्स ट्रस्ट के संस्थापक राहुल सिन्हा ने बताया कि हमारा उद्देश्य युवाओं को जागरूक कर उन्हें नशे की जकड़ से बचाना और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करना है। 'उड़ान' इसी दिशा में हमारा प्रयास है, इस अभियान के माध्यम से युवाओं को नशे से बचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएं और परामर्श सत्र आयोजित किए जाएंगे।  उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन देना और नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना है। वहीं डॉ. नीलम सक्सेना ने कहा कि नशे की लत सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और अपने साथियों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें।छात्रों को संबोधित करते हुए गौतमबुद्ध नगर की तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की जिला सलाहकार डॉ. श्वेता खुराना ने तंबाकू और अन्य मादक पदार्थों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नशे की लत से बचने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना और सही मार्गदर्शन प्राप्त करना बेहद जरूरी है। वहीं आज के कार्यक्रम के दौरान संस्थान के शिक्षक एवं छात्रों के साथ-साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की  सलाहकार  नितिका, जी.जी.डी.एस.डी. कॉलेज, चंडीगढ़ की अनुसंधान परियोजना पर्यवेक्षक नशीली दवाओं का सेवन डॉ. संगीता शर्मा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के डीडीआर फील्ड विशेषज्ञ दीक्षांत शर्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।

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