-->

छपरौला में प्राधिकरण की भूमि पर अवैध कॉलोनी निर्माण! प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल!

मनोज कुमार तोमर ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।

ग्रेटर नोएडा, 22 जनवरी 2025:
ग्रेटर नोएडा के छपरौला गांव में भूमाफियाओं ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि पर अवैध कॉलोनी बसा दी, लेकिन अब तक इसे रोकने या ध्वस्त करने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना ने पुलिस उपायुक्त को कई पत्र लिखकर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए पुलिस बल की मांग की है। इसके बावजूद, पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे प्रशासनिक और पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

अधिसूचित भूमि पर अवैध प्लॉटिंग और निर्माण जारी:
महाप्रबंधक द्वारा दिए गए पत्र में कहा गया है कि ग्राम छपरौला के विभिन्न खसरों में भूमाफियाओं और कॉलोनाइजरों ने बाउंड्री वॉल, भवन निर्माण और प्लॉटिंग के माध्यम से अवैध निर्माण कर लिया है। यह निर्माण सहारा सिटी और नेशनल हाईवे-91 पर स्थित औद्योगिक भूखंडों पर किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, अवैध निर्माण न केवल प्राधिकरण की सूनियोजित विकास योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, बल्कि क्षेत्र के भविष्य के विकास को भी बाधित कर रहा है।

पुलिस बल की कमी, कार्रवाई अधर में:
प्राधिकरण के अधिकारी लगातार पुलिस बल की मांग कर रहे हैं ताकि कार्रवाई के दौरान शांति व्यवस्था बनी रहे। हालांकि, दर्जनों पत्रों के बावजूद अब तक कोई फोर्स उपलब्ध नहीं कराया गया। यह स्थिति पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है।

सूत्रों का दावा: मिलीभगत का खेल?
सूत्रों का कहना है कि भूमाफियाओं के रसूख और पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत के कारण कार्रवाई में देरी हो रही है। बड़े आर्थिक हितों के चलते अवैध निर्माण को हटाने की मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि प्राधिकरण और पुलिस के बीच 'नूरा कुश्ती' का खेल चल रहा है, जिससे अवैध निर्माण करने वालों को फायदा मिल रहा है।

स्थानीय निवासियों की नाराजगी:
स्थानीय लोगों ने भी इस स्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने पुलिस और प्राधिकरण के अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाईटेक सिटी बनने का दावा करने वाले गौतम बुद्ध नगर में ऐसी अनियमितताएं गंभीर चिंता का विषय हैं।

निष्कर्ष:
इस मामले में अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। यदि प्राधिकरण और पुलिस मिलकर कार्यवाही नहीं करते, तो यह सूनियोजित विकास की योजनाओं को बाधित करता रहेगा और भूमाफियाओं को बढ़ावा देगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ