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भगवान चित्रगुप्त अखाड़ा की घोषणा: सनातन धर्म की मजबूती के लिए आध्यात्मिक क्रांति का शुभारंभ। स्वामी चक्रपाणि महाराज

रामानन्द तिवारी संवाददाता राष्ट्रीय दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।
नई दिल्ली:- 12 जनवरी को हिंदू महासभा भवन, केंद्रीय कार्यालय में अखिल भारत हिंदू महासभा और संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष परम पूज्य स्वामी चक्रपाणि महाराज ने भगवान चित्रगुप्त अखाड़ा की घोषणा की। इस विशेष अवसर पर महर्षि महेश योगी और स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे। भगवान चित्रगुप्त जी के गगनभेदी नारों और आध्यात्मिक ऊर्जा से यह आयोजन अभूतपूर्व बना।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने भगवान चित्रगुप्त अखाड़े के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान चित्रगुप्त सभी प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। उनकी पूजा और स्मरण मात्र से मनुष्य का जीवन सफल होता है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान चित्रगुप्त अखाड़ा सनातन धर्म को सशक्त करने, धर्म रक्षा, राष्ट्र रक्षा और जीव रक्षा जैसे पुनीत कार्यों में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
आचार्य महामंडलेश्वर सच्चिदानंद चित्रगुप्त का नामकरण।
कार्यक्रम के दौरान स्वामी चक्रपाणि महाराज ने भगवान चित्रगुप्त अखाड़े को मजबूती प्रदान करने के लिए अपने प्रिय शिष्य स्वामी सच्चिदानंद को आचार्य महामंडलेश्वर पद पर नियुक्त किया। उनका नामकरण "आचार्य महामंडलेश्वर सच्चिदानंद चित्रगुप्त" किया गया। भगवा वस्त्र धारण कर उन्होंने अखाड़े के धर्म प्रचार-प्रसार और सनातन धर्म को सुदृढ़ करने का संकल्प लिया।
स्वामी सच्चिदानंद चित्रगुप्त ने स्वामी चक्रपाणि महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करते हुए तन, मन और धन से अखाड़े को सशक्त बनाने और धर्म की सेवा का प्रण लिया। उन्होंने कहा कि यह अखाड़ा न केवल सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सहायक होगा, बल्कि राष्ट्र कल्याण के लिए एक सशक्त माध्यम भी बनेगा।
धार्मिक क्रांति और राष्ट्र कल्याण का संदेश।
स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त अखाड़े के माध्यम से एक धार्मिक क्रांति को बल मिलेगा। इससे लोगों में अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदारी और निष्ठा बढ़ेगी। अखाड़ा सनातन धर्म की परंपराओं को आगे बढ़ाने, धर्म रक्षा और विश्व कल्याण के लिए सतत कार्य करेगा।
भक्ति और उत्साह से भरा आयोजन।
इस ऐतिहासिक अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने भगवान चित्रगुप्त जी, महर्षि महेश योगी, और स्वामी विवेकानंद जी के गगनभेदी नारे लगाए। स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने उपस्थित भक्तों को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के समापन पर भगवान चक्रेश्वरी हिंदेश्वर महादेव का आरती पूजन किया गया।
भोजन प्रसाद वितरण के साथ भक्तों ने धर्म की सेवा में अपना योगदान देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में सनातन धर्म की जय और भगवान चित्रगुप्त अखाड़े की जय के नारे गूंजते रहे।
उपस्थितों के लिए प्रेरणा का केंद्र
यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी प्रेरणादायक सिद्ध हुआ। सैकड़ों लोगों ने स्वामी चक्रपाणि जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और इस नए अध्याय का हिस्सा बनने पर गर्व व्यक्त किया।
भगवान चित्रगुप्त अखाड़ा अब सनातन धर्म को नई ऊंचाईयों पर ले जाने और धर्म की रक्षा के लिए एक सशक्त मंच बनकर उभरेगा।

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