नई दिल्ली - ।हेमटेक्स्टिल 2025 जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में शुरू हुआ और 17 जनवरी 2025 को समाप्त होगा। इंडिया पैवेलियन का उद्घाटन भारत सरकार के माननीय केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने किया। इस अवसर पर फ्रैंकफर्ट में भारत के महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्यदूत बी.एस. मुबारक, आईएफएस, रोहित कंसल, अतिरिक्त सचिव, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार; ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार; टेक्सटाइल ईपीसी, मेस्से फ्रैंकफर्ट के वरिष्ठ अधिकारी और भाग लेने वाले सदस्य निर्यातक गरिमामयी उपस्थिति रही, ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया।भारत सरकार के माननीय केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने उद्घाटन करते हुए कहा कि हेमटेक्सटाइल 2025 में इंडिया पैवेलियन कपड़ा उद्योग में उत्कृष्टता और नवाचार का जश्न मनाता है। यहाँ भारत की उपस्थिति न केवल हमारी समृद्ध विरासत का प्रमाण है, बल्कि टिकाऊ और अत्याधुनिक कपड़ा समाधानों में वैश्विक पहचान बनने की हमारी गतिशील यात्रा का भी प्रतिबिंब है। उन्होंने भारत पैवेलियन में वैश्विक खरीदारों को भारत द्वारा पेश की जाने वाली विविधता और नवाचार का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया। माननीय कपड़ा मंत्री ने सदस्य प्रतिभागियों के साथ बातचीत भी की और भविष्य के व्यापार संवर्धन में सभी प्रकार के समर्थन का आश्वासन दिया।ईपीसीएच के अध्यक्ष श्री दिलीप बैद ने कहा कि भारत की भागीदारी से मेले की जीवंतता और सांस्कृतिक विविधता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हेमटेक्सटाइल अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों के लिए वस्त्र, घरेलू सामान और उपभोक्ता उत्पादों में भारत की मजबूत क्षमताओं का पता लगाने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करता है। उन्होंने भारत के सुस्थापित पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रकाश डाला, जो पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक उत्पादन तकनीकों के साथ जोड़ता है, जो वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करता है। श्री बैद ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, बाजार पहुंच का विस्तार करने और एक पसंदीदा सोर्सिंग हब के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने में ऐसे आयोजनों के महत्व पर भी जोर दिया।ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि हेमटेक्सटाइल इंटीरियर टेक्सटाइल, होम फर्निशिंग और घरेलू कपड़ों के लिए दुनिया के प्रमुख आयोजनों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह व्यापार मेला अत्याधुनिक डिजाइन, पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों और नवीनतम रुझानों को प्रदर्शित करने के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो दुनिया भर के खरीदारों, डिजाइनरों और उद्योग के पेशेवरों से महत्वपूर्ण रुचि आकर्षित करता है। यह आयोजन भारत को अपने "भारत के अतुल्य वस्त्रों" को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है, जो देश की अद्वितीय विविधता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कला और शिल्प की दीर्घकालिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। आर. के. वर्मा ने कहा कि हेमटेक्सटाइल में भारत की बढ़ती उपस्थिति वैश्विक मानकों और उपभोक्ता वरीयताओं के साथ तालमेल बिठाने में भारतीय निर्यातकों द्वारा की गई निरंतर प्रगति को दर्शाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उद्योग द्वारा स्थिरता और प्राकृतिक और जैविक फाइबर के उपयोग पर बढ़ते फोकस ने वैश्विक बाजार में भारत की अपील को और मजबूत किया है। उन्होंने आगे कहा कि ईपीसीएच ने देश के विभिन्न हिस्सों से 18 सदस्य निर्यातकों की भागीदारी का समन्वय किया है, जो हॉल 5.0, हॉल 6.2 और हॉल 9.1 में अपने संग्रह प्रदर्शित कर रहे हैं।ईपीसीएच, देश से विभिन्न वैश्विक गंतव्यों तक हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और भारत की छवि को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में प्रस्तुत करने वाली नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि 2023-24 के दौरान भारत से 32,759 करोड़ रुपये 3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हस्तशिल्प निर्यात किया गया, जिसमें रुपये के संदर्भ में 9.13% की जबकि डॉलर के संदर्भ में 6.11% की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2023-24 के दौरान जर्मनी को हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात 1,530.14 करोड़ रुपये 184.88 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा ।
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