रामानन्द तिवारी संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में राइट टू रिकॉल पार्टी ने 21 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। राईट टू रिकॉल पार्टी दिल्ली की बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरी है! पार्टी का मुख्य एजेंडा ईवीएम (ब्लैक ग्लास) की जगह मत-पत्रों से चुनाव करवाना है, जिसे वह लोकतंत्र की पारदर्शिता के लिए जरूरी मानती है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल चिमनभाई मेहता (आईआईटी दिल्ली से बी.टेक.) का कहना है कि उनकी पार्टी सिर्फ चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि वह जनता के अधिकारों की रक्षा और जनसत्ता के सिद्धांत को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है।
मुख्य मुद्दे:
- वोट वापसी कानून: मुख्यमंत्री और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ वोट वापसी का अधिकार जनता को दिया जाए।
- ज्यूरी कोर्ट का पुनः प्रचलन: अदालतों में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- जनमत संग्रह कानून: बड़े फैसलों में जनता की राय अनिवार्य करना।
दिल्ली चुनाव के बाद पार्टी की नजर अब उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों पर है। इन राज्यों में भी पार्टी जनहित के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
चुनाव प्रभारी शशांक सिंह आर्य (पूर्व सांसद प्रत्याशी, जयपुर शहर) का कहना है कि दिल्ली में पार्टी के प्रदर्शन से कार्यकर्ताओं में उत्साह है और अब पार्टी का फोकस देशभर में लोकतांत्रिक सुधारों के लिए जनाधार बढ़ाने पर है।
राइट टू रिकॉल पार्टी का यह प्रदर्शन राजनीति में नई संभावनाओं के द्वार खोल सकता है।
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