ग्रेटर नोएडा। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा द्वारा 27 फरवरी 2025 को स्वतंत्रता सेनानी और किसान नेता विजय सिंह पथिक की जयंती पर भव्य आयोजन की योजना बनाई गई है। इस संबंध में अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह की अध्यक्षता में वाईएमसीए ग्रीन क्लब, ग्रेटर नोएडा में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में महासभा के जिला अध्यक्ष अशोक भाटी ने बताया कि विजय सिंह पथिक, जिन्हें भूप सिंह के नाम से भी जाना जाता है, का योगदान भारत के किसान आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में बेहद महत्वपूर्ण है। पथिक, बिजोलिया किसान आंदोलन के सूत्रधार, बुलंदशहर में जन्मे और उन्होंने किसानों की आवाज बुलंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महासभा उनकी भूली-बिसरी यादों को सहेजने और समाज के युवाओं को प्रेरित करने के लिए इस जयंती को परंपरागत तरीके से मनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भव्य आयोजन की मुख्य विशेषताएं।
1. महापुरुषों को सम्मान: गुर्जर समाज की विभूतियों और उनकी उपलब्धियों को उजागर करने के लिए महासभा संकल्पित है।
2. कैलेंडर वितरण: विजय सिंह पथिक की उपलब्धियों को दर्शाते हुए विशेष कैलेंडर तैयार कर समाज में वितरित किया जाएगा।
3. शिक्षा और रोजगार पर फोकस: समाज के युवाओं को रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए चर्चा की गई।
4. प्रतिभाओं का सम्मान: खेलकूद, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मानित किया जाएगा।
बैठक में महासभा के पदाधिकारियों ने ग्रेटर नोएडा स्थित पथिक स्टेडियम में विजय सिंह पथिक की प्रतिमा स्थापित करने की मांग उठाई। महासभा का कहना है कि भारतीय इतिहास में कई महापुरुषों के योगदान को अनदेखा किया गया है, जिन्हें अब सामने लाने का समय आ गया है। महासभा ने आगामी 22 दिसंबर 2024 को पथिक स्टेडियम, ग्रेटर नोएडा में एक और महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन तय किया है, जिसमें जयंती समारोह की जिम्मेदारियां कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सौंपी जाएंगी। बैठक में डॉ. यशवीर सिंह, हरिश्चंद्र भाटी, रूपचंद मुनीम, डॉ. जिले सिंह, अशोक भाटी, राजकुमार नागर, भगत सिंह मास्टर, सुभाष नेताजी, शेर सिंह भाटी, विपिन प्रधान, सिंहराज गुर्जर, राजवीर गुर्जर, अजीत प्रधान, रणवीर प्रधान, डिब्लू मुंडन, महेंद्र नागर, गुलजारीलाल नंदा, सुनील भाटी, नीतीश नागर, प्रवीण नागर और सिद्धार्थ रेक्सवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। गुर्जर महासभा का यह प्रयास समाज में शिक्षा, रोजगार और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय इतिहास के अनछुए पहलुओं को उजागर करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
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