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जगद्गुरु स्वामी नारायण तीर्थ शंकराचार्य कलिघापीठम का नोएडा दौरा और संस्कृत गुरुकुल का उद्घाटन सेक्टर ६२ स्थित अय्यप्पा मंदिर मे किया।


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाइम ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
नोएडा ने जगद्गुरु स्वामी नारायण तीर्थ शंकराचार्य कलिघापीठम, चेन्नई की पावन उपस्थिति का साक्षात्कार किया, जब उन्होंने नवस्थापित संस्कृत गुरुकुल का उद्घाटन किया। यह शुभ अवसर पारंपरिक दक्षिण भारतीय संगीत, नादस्वरम और तविल वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि तथा दीप प्रज्वलन से सजी आध्यात्मिक और मनोहारी अनुभूति के साथ संपन्न हुआ।उद्घाटन समारोह के दौरान, पूज्य जगद्गुरु ने ज्ञानवर्धक सत्र में चार पुरुषार्थ—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—की महत्ता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने मानव जीवन की दुर्लभता और पवित्रता पर जोर देते हुए कहा, "अनगिनत जन्मों और जीवन चक्रों के बाद मनुष्य के रूप में जन्म लेने का सौभाग्य प्राप्त होता है। यह जीवन उच्चतर आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक अनमोल अवसर है।"इस सत्र ने सभी उपस्थितजनों को गहराई से प्रेरित किया। जगद्गुरु ने अपनी दिव्य कृपा और आशीर्वाद से सभी को कृतार्थ किया। उनकी उपस्थिति श्रद्धा और आस्था का स्रोत बनी, विशेष रूप से उन भक्तों के लिए जो इस पवित्र क्षण का साक्षी बनने आए थे।इस अवसर पर कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें अयप्पा समिति के अध्यक्ष  टी.पी. नंदन, सचिव  वेणुगोपाल, और नोएडा प्राधिकरण के हॉर्टीकल्चर प्रमुख आनंद मोहन सिंह शामिल थे। त्यागराजा सेंटर फॉर म्यूजिक एंड डांस के संस्थापक गुरु आर.वी. त्यागराजन और अन्य प्रतिष्ठित भक्तों ने भी इस शुभ अवसर की शोभा बढ़ाई।अयप्पा समिति की ओर से  मोहन नायर और  जयकुमार उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त, स्वामीजी के करीबी सहयोगी श्री सेंथिलनाथ और  शक्तिवेल ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।यह विशेष अवसर संस्कृत शिक्षा और आध्यात्मिकता की समृद्ध परंपरा को बढ़ावा देने का एक मील का पत्थर साबित होगा, जो नोएडा के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रयासों में एक नया अध्याय जोड़ेगा।



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