मेरठ, मवाना। ग्राम देदूपुर के वरिष्ठ नागरिक और जल संरक्षक जितेन्द्र पाल सिंह गुर्जर ने भूमाफिया और प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ जल संरक्षण के लिए बड़ा संघर्ष छेड़ रखा है। उनका भू-माफिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव की तीन तालाबों और अन्य सार्वजनिक जमीनों पर भूमाफिया , जो 1982 से 2010 तक गांव का प्रधान रहा, ने कब्जा कर लिया है।
श्री गुर्जर ने बताया कि खसरा संख्या 125, 127 और 185/347 के तीन तालाबों में से दो पूरी तरह भूमाफिया द्वारा निगल लिए गए हैं। इसके अलावा खसरा संख्या 287 पर स्थित सामूहिक बाग और पूजनीय कुएं पर भी कब्जा किया गया है। वे और वर्तमान ग्राम प्रधान माला देवी पिछले दो वर्षों से खसरा संख्या 125 के तालाब को गहरा करने और भूजल संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, लेकिन भूमाफिया और उसके सहयोगी सरकारी अधिकारी इसमें रुकावट डाल रहे हैं।
जितेन्द्र पाल सिंह ने खुलासा किया कि भूमाफिया और उसके परिवार ने उन्हें और ग्राम प्रधान माला देवी के बेटे को जान से मारने की धमकी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और खुफिया विभाग को इसकी शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर 2024 को खंड विकास अधिकारी ने उपजिलाधिकारी और पुलिस को तालाब की पैमाइश और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा था। इसके बावजूद प्रशासनिक लापरवाही के चलते भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई।
जितेन्द्र पाल सिंह ने कहा, "भले ही मुझे अपनी जान गंवानी पड़े, लेकिन यह तालाब गहराया जाएगा। भूजल संरक्षण जनहित में आवश्यक है। सरकार को भूमाफिया और प्रशासनिक सांपों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।"
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि सरकारी तालाबों और सार्वजनिक संपत्तियों को बचाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। "बाबा का बुलडोजर" भूमाफिया और उनके सहयोगियों पर क्यों नहीं चलता, यह सवाल अब क्षेत्रवासियों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।
0 टिप्पणियाँ