ग्रेटर नोएडा।इनोवेटिव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस ग्रेटर नोएडा में गुरुवार को एक दिवसीय योग कार्यशाला का आयोजन किया गया कार्यशाला का मुख्य शीर्षक रिलैक्स और डी रिलैक्स था। कार्यशाला का शुभारंभ इनोवेटिव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के चेयरमैन डॉ० के० शर्मा, एकेडमिक डायरेक्टर डॉक्टर तितिक्षा शर्मा एवं मैनेजिंग डायरेक्टर उषा शर्मा एवं इनोवेटिव इंस्टीट्यूट ऑफ़ लॉ के प्राचार्य डॉ मृत्युंजय पांडे, इनोवेटिव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के प्राचार्य डॉ अमरजीत सिंह, इनोवेटिव कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन एंड टेक्नोलॉजी की प्राचार्य डॉक्टर नीति सिंह एवं मुख्य अतिथि के रूप में पधारे अंशु रस्तोगी, मनीष रस्तोगी के द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। ग्रेटर नोएडा स्थित इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज ने छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "योग के माध्यम से तनाव कैसे दूर करें" विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में सैकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया और योग के महत्व को समझते हुए इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। दृढ़ संकल्प और मानसिक शांति को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम का नेतृत्व योग विशेषज्ञ अंशु रस्तोगी ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को न केवल योग की तकनीकों के बारे में बताया, बल्कि यह भी समझाया कि तनाव से बचने और दैनिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने में योग कैसे सहायक हो सकता है।कार्यशाला की शुरुआत एक प्रेरणादायक वक्तव्य से हुई, जिसमें इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज की एकेडमिक निर्देशिका डॉ० तितिक्षा शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा, "आज के व्यस्त जीवन में तनाव हर किसी के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। खासकर युवा पीढ़ी और कामकाजी लोग इसके शिकार हो रहे हैं। इस समस्या से बचने के लिए योग एक अद्भुत समाधान प्रदान करता है। यह न केवल तन और मन को आराम देता है, बल्कि हमें अधिक ऊर्जावान और सकारात्मक भी बनाता है।" अंशु रस्तोगी ने कार्यशाला में बताया कि योग केवल शरीर को फिट रखने का साधन नहीं है, बल्कि यह तनाव और चिंताओं को कम करने का सबसे प्रभावी उपाय भी है। खासतौर पर, उन्होंने कहा कि "प्राणायाम", "ध्यान" और "सूर्य नमस्कार" जैसी तकनीकों का अभ्यास तनाव को तुरंत कम कर सकता है। उन्होंने एक सरल और उपयोगी मार्गदर्शिका दी, जिसमें इन योग आसनों को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के सुझाव दिए गए। उन्होंने प्रतिभागियों को यह भी समझाया कि किस प्रकार तनाव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जब हमारा मस्तिष्क तनावग्रस्त रहता है, तो यह न केवल हमारी उत्पादकता को कम करता है, बल्कि यह लंबी अवधि में हृदय संबंधित बीमारियों, अनिद्रा और मोटापा जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।कार्यशाला में प्रतिभागियों ने व्यावहारिक अनुभव भी लिया। योग विशेषज्ञ ने उन्हें सरल तनाव निवारक योगासन करवाए और बताया कि कैसे नियमित अभ्यास से जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाया जा सकता है। प्रतिभागियों ने गहरी सांस लेने की तकनीक जैसे "नाड़ी शोधन प्राणायाम" और "भ्रामरी प्राणायाम" भी सीखी, जिनका इस्तेमाल तनाव को तुरंत कम करने के लिए किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, कार्यशाला में इस बात पर भी चर्चा की गई कि किस प्रकार संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और सकारात्मक सोच योग के लाभों को बढ़ाते हैं। कार्यशाला में उपस्थित एक छात्र फरमान ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "आज की कार्यशाला में हमें तनाव और उसके प्रबंधन के बारे में बहुत कुछ नया सीखने को मिला। मैंने यह समझा कि सिर्फ 10-15 मिनट योग का अभ्यास करके मैं अपने पढ़ाई के दबाव को कम कर सकती हूं। यह मेरे जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला अनुभव है।"कार्यशाला के अंत में इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के एकेडमिक निर्देशिका डॉ० तितिक्षा शर्मा ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने योग को अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "हमें यह समझना होगा कि योग केवल एक प्राचीन पद्धति नहीं है, बल्कि यह जीवन को स्वस्थ और सुखद बनाने का एक वैज्ञानिक तरीका है। इसे अपनी जीवन शैली में शामिल करना आज की बड़ी आवश्यकता हो गई है।" इनोवेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ लॉ के प्राचार्य डॉ मृत्युंजय पांडेय ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला ने योग और तनाव प्रबंधन के महत्व को न केवल समझाया, बल्कि प्रतिभागियों को इसे जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया। इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज द्वारा इस तरह के आयोजनों से छात्रों के बीच मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने का यह एक प्रयास है।
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