भारत टाईम्स। ग्रेटर नोएडा के 130 मीटर सम्पर्क मार्ग के निर्माण में हो रही देरी ने दादरी और इसके आस-पास के गाँवों के निवासियों में गहरी नाराजगी उत्पन्न कर दी है। यह सड़क कई गाँवों को न्यू नोएडा से जोड़ने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसका लाभ लाखों लोगों को होगा। लेकिन प्राधिकरण की अनदेखी और उदासीनता के कारण यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अब भी अधर में लटका हुआ है। क्षेत्र के माननीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने लगातार इस मुद्दे पर कार्यवाही की मांग की है, परंतु आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व मंत्री एवं नोएडा सांसद डॉ. महेश शर्मा, दादरी के विधायक तेजपाल नागर और वरिष्ठ नेता श्रीचंद शर्मा के साथ-साथ सामाजिक संगठन भी इस समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत हैं। इन सभी ने माननीय मुख्यमंत्री और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन को कई बार पत्र लिखे और निवेदन किया है कि इस सम्पर्क मार्ग के निर्माण में तेजी लाई जाए, लेकिन प्राधिकरण से अब तक केवल आश्वासन ही मिलते आ रहे हैं कि 'कार्रवाई प्रक्रिया में है।' यह स्थिति न केवल क्षेत्र की प्रगति में बाधा डाल रही है, बल्कि प्राधिकरण द्वारा जनप्रतिनिधियों का सम्मान न करना भी स्पष्ट संकेत देता है कि जनहित में उनके योगदान की उपेक्षा की जा रही है। यह प्राधिकरण जिनका उद्देश्य आम जन की सुविधाओं के लिए विकास कार्यों का संचालन करना है, उनकी इस प्रकार की कार्यशैली लोगों की नाराजगी और आक्रोश को जन्म दे रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसे प्राधिकरणों का जिलों में बने रहना सही है? इस मुद्दे को लेकर सामाजिक संगठन सक्रिय जन आंदोलन ने क्षेत्र के सभी सम्मानित निवासियों से अपील की है कि वे अपने गाँव के बाहर बैनर पर लिखें - "पहले 130 मीटर से कनेक्टिविटी, उसके बाद न्यू नोएडा की एक्टिविटी।" यह एक मजबूत संदेश है जो क्षेत्रीय निवासियों की मांगों और इच्छाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है।
यह सम्पर्क मार्ग सिर्फ एक सड़क नहीं है; यह क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके निर्माण से अनेक गाँवों को सीधा फायदा पहुंचेगा, जिससे वहां के लोगों को बेहतर आर्थिक अवसर और सुविधाएं मिल सकेंगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिससे लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। लेकिन इस सबके बावजूद, प्राधिकरण के कुछ स्वार्थी और भ्रष्टाचार में लिप्त तत्व नहीं चाहते कि क्षेत्र में विकास की बयार बहे। प्रश्न उठता है कि क्या क्षेत्र के विकास का यह सपना यूं ही अधूरा रह जाएगा? क्या क्षेत्र की जनता अपने जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई मांगों का सम्मान होते देख पाएगी? क्या न्यू नोएडा घोषित किए गए गाँवों के निवासियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना प्राधिकरण की जिम्मेदारी नहीं है?
प्राधिकरण के इस रवैये को देखकर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यदि इस 130 मीटर सम्पर्क मार्ग के निर्माण में आगे भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है, तो क्षेत्र की जनता को मजबूरन एक बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर होना पड़ेगा। जनप्रतिनिधियों का सम्मान और जनता की सेवा प्राधिकरण का कर्तव्य है, जिसे वह अनदेखा नहीं कर सकते। अब समय आ गया है कि इस क्षेत्र के सभी सम्मानित नागरिक एकजुट होकर इस मांग को मजबूती से उठाएं। इस सम्पर्क मार्ग का निर्माण क्षेत्र के विकास के लिए अनिवार्य है और इसके बिना न्यू नोएडा की योजना का कार्यान्वयन अधूरा ही रहेगा।
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