स्वामी चक्रपाणि करेंगे विश्व शांति और एकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा की शुरुआत, उद्योगपति अभय बंसल और रवि चौहान को सौंपी अहम ज़िम्मेदारियाँ
नई दिल्ली। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्वामी चक्रपाणि महाराज, विश्व शांति और विश्व के एकीकरण के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। यह यात्रा 14 नवंबर से दुबई और युगांडा से प्रारंभ होगी। इस अभियान को मजबूती देने के लिए स्वामी चक्रपाणि महाराज ने प्रमुख उद्योगपति अभय बंसल को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष और रवि चौहान को अंतरराष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण नियुक्ति के बाद दोनों ने स्वामी चक्रपाणि महाराज का सम्मान बुके और साल भेंट कर किया।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने 2009 में विश्व के सभी देशों को राजनीति के आध्यात्मिक करण और वैश्विक एकीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए पत्र भेजा था। उनका मानना है कि वर्तमान समय में विश्व शांति के लिए यह आवश्यक है कि सभी देश एकजुट होकर पृथ्वी के भविष्य के लिए कार्य करें। आज के समय में हर देश अपने देश की सुरक्षा के नाम पर विध्वंसक हथियार बना रहा है, जो न केवल उस देश बल्कि पूरे विश्व के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि एक ओर जहां कई देशों में अनाज का बर्बादी हो रही है, वहीं दूसरी ओर लाखों लोग भूख से मर रहे हैं। इसके समाधान के लिए, स्वामी चक्रपाणि ने विश्व एकीकरण की जरूरत पर बल दिया, जिससे रोटी, कपड़ा, और मकान हर व्यक्ति तक पहुंचे और किसी के साथ जाति, धर्म, लिंग या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव न हो।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने विश्व शांति के उद्देश्य से 'वर्ल्ड पार्लियामेंट' के गठन का भी प्रस्ताव रखा, ताकि किसी भी देश या समुदाय पर हो रहे अन्याय के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावी आवाज उठाई जा सके। हालांकि, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के मूल उद्देश्य पर निराशा जताई और इसे एक निष्क्रिय संस्था करार दिया जो केवल दर्शक बनी रहती है। स्वामी जी का मानना है कि अब समय आ गया है कि लोग खुद आगे आएं और अंतरराष्ट्रीय संस्था में अपने प्रतिनिधियों को चुनकर भेजें ताकि पृथ्वी को विनाश से बचाया जा सके।
स्वामी जी ने उदाहरण देते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा हो, या फिर इजरायल-ईरान, रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध, इन संकटों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर कोई प्रभावी संस्था या व्यवस्था नहीं है। आज का विश्व अपनी पुरानी कबायली मानसिकता में फंसा हुआ है, जहां हर देश अपने समूह बनाकर हथियारों की होड़ में शामिल है। यह स्थिति पृथ्वी के लिए घातक सिद्ध हो रही है।
इसलिए, उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति का आध्यात्मिक करण और वैश्विक एकीकरण अब समय की सबसे बड़ी मांग है। स्वामी चक्रपाणि महाराज इस दिशा में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय यात्राएं शुरू करेंगे, जिनके जरिए दुनिया भर में जागरूकता फैलाई जाएगी।
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