ग्रेटर नोएडा।मोनाड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान में मिशन शक्ति के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मिशन शक्ति के तहत लिंग संवेदनशीलता व विशाखा दिशा-निर्देश विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को लिंग संवेदनशीलता और विशाखा दिशा-निर्देशों विषय के प्रति जागरूक करना था। वि०वि० के प्रतिकुलाधिपति डॉ० एनके सिंह, कुलपति डॉ० मोहम्मद जावेद, उपकुलपति एवं कुलसचिव कर्नल डी०पी० सिंह, उपकुलपति प्रशासनिक प्रो० योगेश पाल सिंह एवं उपकुलपति एडमिशन रोहित शर्मा ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यशाला में मनोविज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ० सुजाता चौधरी ने कहा कि भारत जैसे पितृसत्तात्मक देश में, जहां लिंग संबंधी स्पष्ट भूमिकाएं, लिंग भेदभाव और महिलाओं और लड़कियों का अवमूल्यन हमारे दैनिक जीवन में समाया हुआ है, मुझे लगता है कि बहुत कम उम्र से ही इस समस्या की पहचान करना और उसका समाधान करना बेहद जरूरी है। डॉ० सुजाता ने विद्यार्थियों को 'असुरक्षित स्पर्श' के बारे में जागरूक किया। वहीं विधि विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ० मनीषा शर्मा ने विशाखा दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी छात्रों के साथ साझा की। इस मौके पर स्कूल ऑफ मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान की डीन डॉ० सोमा दास ने कहा कि मिशन शक्ति का उद्देश्य महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्थन को मजबूत बनाना है। यह योजना संपूर्ण जीवन चक्र में महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार करेगी और उनके जीवन में बदलाव लाएगी तथा उन्हें नागरिक स्वामित्व के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में समान भागीदार बनाएगी। इस तरह यह योजना सरकार द्वारा महिलाओं के विकास की प्रतिबद्धता को साकार रूप देगी। कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन डॉ० सुशील कुमार ने किया।इस कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ० उमेश दीक्षित, डॉ० कविता रानी, डॉ० नेहा शर्मा, ममतेश सोलंकी, रूचित राज भटनागर, बबीता माथुर, डॉ० आशीष गर्ग, डॉ० अरविन्द कुमार, डॉ० अमान अहमद, रविन्द्र कुमार, डॉ० ज्योति चौधरी, डॉ० मुकेश कुमार आदि शिक्षकों के साथ बड़ी संख्या में छात्र व छात्रायें भी मौजूद रहे।
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