ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय ने दो दिवसीय हैंड्स-ऑन लर्निंग कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें पीजी/पीएचडी छात्रों और संकाय के लिए अत्याधुनिक क्रोमैटोग्राफी तकनीक के बारे में सिखाया गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों से मेडिकल और गैर-मेडिकल के 24 प्रतिभागी कार्यक्रम में शामिल हुए। योग्य प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने इस पर जोर दिया कि चिकित्सा और गैर-चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए ऐसे और अधिक विश्लेषणात्मक प्रशिक्षण तैयार करने की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति में अहम भूमिका निभाएं।विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार ने बताया कि क्रोमैटोग्राफी एक बहुमुखी और शक्तिशाली तकनीक है जिसका उपयोग पृथक्करण, शुद्धिकरण और के लिए किया जाता है। जटिल मिश्रण का विश्लेषण। क्रोमैटोग्राफी जैसे क्षेत्र में एक आवश्यक उपकरण है।
इस दौरान स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च की डीन डॉ निरूपमा गुप्ता और स्कूल ऑफ बेसिक विज्ञान और अनुसंधान के डीन डॉ श्यामल कुमार बनर्जी, डॉ अतुल कुमार गुप्ता समेत आदि लोग मौजूद रहे।
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