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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा गठित जांच कमेटी से विकास की गति होगी धीमी

ठेकेदारों को बिल भुगतान न होने से विकास कार्यों की गति धीमी होने के संबंध में शिकायत पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने गठित कर दी जांच समिति। जांच समिति गठन से  गांवों के विकास कार्यों में होगा अनावश्यक विलंब।
गांवों में विकास कार्यों में तीव्रता लाने हेतु उठाए जाएं कारगर कदम। कर्मवीर नागर प्रमुख‌।
ग्रेटर नोएडा। दो दिन पूर्व प्रकाशित कर्मवीर नागर पूर्व प्रमुख के शिकायत पत्र के आधार पर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स न्यूज़ के आधार पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणन । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर गांवों के विकास न करने की तोहमत समय-समय पर लगती रही है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा द्वारा ठेकेदार का भुगतान न करने से एक स्मार्ट विलेज में विकास कार्य ठप्प होने जैसी स्थिति के संबंध में प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत कराया गया था। मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों द्वारा जांच समिति गठित करने का फरमान जारी कर दिया गया। हालांकि किसी भी मामले की जांच करना संबंधित महकमे का अपना अधिकार क्षेत्र है लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि प्राधिकरण के अधिकारियों की ही निगरानी में हो रहे विकास कार्यों की जांच के लिए एक और समिति गठित करना समझ से परे का विषय है। क्या संबंधित डिवीजनों में तैनात अधिकारियों पर उच्च अधिकारियों का भरोसा नहीं है तो फिर प्राधिकरण द्वारा डिवीजन में अधिकारियों की तैनाती का औचित्य समझ से परे है।
बहरहाल जो भी हो वह प्राधिकरण का अपना निजी मामला है। लेकिन दिन प्रतिदिन स्लम में तब्दील हो रहे गांवों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि गांवों में चल रहे विकास कार्यों की पहले ही गति बहुत धीमी थी अब जांच के नाम पर गांवों के विकास कार्यों में और अधिक विलंब होना स्वाभाविक है। ठेकेदार को बिल भुगतान का मामला उठाने के पीछे का मुख्य मकसद तो विकास कार्यों में तेजी लाना था। लेकिन जांच समिति गठन के फरमान से अब गांव के विकास कार्यों की स्थिति आसमान से टपके और खजूर पर अटके जैसी होना स्वाभाविक है। क्योंकि लंबे समय से देखा जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच हेतु जितनी भी समितियां गठित की गई हैं  उनका नतीजा आम जनता के सामने आज तक खुलासा नहीं हुआ है। इस तरह की जांच समिति के गठन से तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने गांवों में विकास कार्यों को ठप्प करने का एक नया तरीका ईजाद कर लिया है। क्योंकि जल्दी ही दीपावली जैसा पावन हिंदू त्यौहार आने वाला है। इस त्यौहार पर अधिकांशतः  मजदूर भी अपने-अपने घरों को वापस लौट जाते हैं अगर  दीपावली मनाने के लिए घर लौटने से पहले ठेकेदारों ने धन अभाव में मजदूरों का वेतन भुगतान नही किया तो मजदूरों का काम करना तो दूर रहा वह दीपावली जैसा बड़ा हिंदू त्यौहार भी नहीं मना पाएंगे। इसके अतिरिक्त दीपावली के बाद सर्दी की शुरुआत होने पर एनसीआर के अंदर प्रदूषण के मद्देनजर सिविल वर्क संबंधित तमाम विकास कार्यों पर प्रतिबंध की सरकारी तलवार लटक जाती है। इसलिए सीईओ महोदय  से विशेष अनुरोध है कि गांवों के विकास कार्यों में तीव्रता लाने के लिए कारगर कदम उठाने का कष्ट करें। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के गांवों में विकास कार्य ठप्प होने का यह संदेश अगर प्रदेश माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की महत्वाकांक्षी योजना के रूप में बसने वाले नया ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के गांवों में जाएगा तो भूमि अधिग्रहण में तमाम अड़चनें आना स्वाभाविक हैं। इसलिए समय रहते गांवों के विकास कार्यों में तीव्रता लाना नितांत आवश्यक है।

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