-->

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा ठेकेदार के बिल भुगतान में देरी की वजह से स्मार्ट विलेज मिलक लच्छी में विकास कार्य अटके!

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा। मार्च 2024 में शुभारंभ हुआ था विकास कार्यों का:
सामाजिक कार्यकर्ता कर्मवीर नागर पूर्व प्रमुख ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि चौबे जी छब्बे जी बनने चले थे लेकिन दूबे जी भी नहीं रहे कुछ ऐसा ही हाल है स्मार्ट विलेज घोषित गांव मिलक लच्छी का। जब ढाई वर्ष पूर्व गांव मिलक लच्छी को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया गया था तो गांव के लोग खुशी के मारे फूले नहीं समाये थे। स्मार्ट विलेज घोषित होने पर ग्राम वासियों ने सपना देखा था कि अब गांव में कम्युनिटी सेंटर, खेल का मैदान और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं के साथ-साथ गांव के खंडहर हो चुके प्राइमरी स्कूल की नई इमारत का निर्माण हो जाएगा और गांव के टूटे-फूटे रास्तों और जल भराव से निजात मिल सकेगी। लेकिन गांव वालों का यह सपना उस समय काफूर हो गया जब गांव के लिए विकास कार्यों का टेंडर छोड़ा गया तो उसमें खंडहर स्कूल के निर्माण, कम्युनिटी सेंटर, खेल के मैदान और पुस्तकालय निर्माण जैसी वह सुविधाएं नदारद थी जिसके आधार पर किसी गांव को स्मार्ट विलेज कहा जा सकता है। 
इसीलिए अब ग्राम वासियों ने तय किया है कि स्मार्ट विलेज की परिभाषा में आने वाली सुविधाओं से वंचित इस गांव का विजिट कराने के लिए प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और माननीय औद्योगिक विकास मंत्री जी को पत्र भेजकर जल्दी ही न्यौता दिया जाएगा। प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी जल्दी ही दौरा कराया जाएगा ताकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित किये जा रहे इस स्मार्ट विलेज के मॉडल की असलियत  का खुलासा जग जाहिर हो सके। अब तो ऐसा लगता है कि मिलक लच्छी को स्मार्ट विलेज की श्रेणी में चयनित कराना ही अभिशाप बन गया है। क्योंकि स्मार्ट विलेज के तहत मिलक लच्छी गांव में कराए जा रहे विकास कार्यों का शुभारंभ मार्च के प्रथम सप्ताह में हुआ था लेकिन 8 माह की लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी विकास कार्य लटके पड़े हैं। मंद गति से चल रहे विकास कार्यों की गति अब तो धीरे-धीरे ठप्प होती नजर आ रही है।   
क्योंकि जानकारी में आया है कि ठेकेदार की फर्म द्वारा अब तक किए गए कार्यों का प्राधिकरण ने बिल भुगतान नहीं किया है। जिस वजह से विकास कार्य लटके नजर आ रहे हैं और इन लटके पड़े विकास कार्यों से गांव वाले आजिज आ चुके हैं। गांव धीरे-धीरे नरक बनता जा रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि संबंधित डिवीजन में तैनात कर्मचारी और अधिकारी विकास कार्यों की गति को धक्का देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन अब तो मामला बिल भुगतान न होने पर अटक गया है। ऐसे में प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों से अनुरोध है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए विकास कार्यों की गति को तीव्रता हेतु कारगर कदम उठाने का कष्ट करें ताकि गांव के लोग दीपावली जैसे पावन हिन्दू त्यौहार को स्वच्छ माहौल में रहकर मना सकें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ