ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा और नोएडा , जो देश के विभिन्न कोनों से आकर बसे लोगों का घर है, ग्रेटर नोएडा आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह क्षेत्र, जो कभी लोगों के सपनों का शहर माना जाता था, अब सफाई व्यवस्था की खस्ता हालत के कारण नारकीय स्थिति में बदलता जा रहा है। गन्दगी के ढेर और प्रशासन की उपेक्षा ने इस इलाके को गंभीर संकट में डाल दिया है।
ग्रेटर नोएडा, जहां रहना कभी लोगों का सपना हुआ करता था, अब अपनी गन्दगी और बदहाल सफाई व्यवस्था के कारण विवादों में है। सेक्टर अल्फा सेकेंड की स्थिति देखकर ऐसा लगता है जैसे यहां की सफाई केवल कागजों में हो रही है। सड़कों के किनारे और गलियों में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं, आवारा पशुओं का गढ़ बन गया, जो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही का प्रतीक हैं। सेक्टर में कहीं भी नियमित सफाई नहीं होती दिख रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यहां के निवासी प्राधिकरण की निष्क्रियता से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। एक निवासी ने बताया, “हमने कई बार अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। यहां की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है।”
गन्दगी की यह स्थिति केवल शहर की सुंदरता को खराब नहीं कर रही, बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर खतरा बनती जा रही है। मच्छर, मक्खियां और अन्य बीमारियां फैलाने वाले कीड़े यहां बड़ी संख्या में देखे जा रहे हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
प्रशासन द्वारा यह दावा किया जाता है कि वे सफाई के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय निवासियों के अनुसार, ये केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित हैं। बजट की कमी और ठोस निगरानी की गैरमौजूदगी के कारण यह क्षेत्र अपनी दयनीय स्थिति में फंसा हुआ है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इस क्षेत्र की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करना होगा। यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ठोस योजनाओं की आवश्यकता है, ताकि इस इलाके के निवासी एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में रह सकें।
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा सेकेंड के निवासियों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही जागेगा और उनके सपनों के शहर को फिर से स्वच्छ और सुरक्षित बनाएगा।
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