लेखक :_आर्य सागर खारी . ग्राम टीला गाजियाबाद में 3 अक्टूबर से सात दिवसीय शारद दुर्लभ यज्ञ का अनुष्ठान हो रहा है। यह अनुष्ठान 3 घंटे के 8 सत्रों में लगातार 24 घंटे चल रहा है। जिसमें प्रत्येक सत्र में तीन परिवार यजमान बनते हैं। यज्ञ के ब्रह्म ऋषि की उत्तराधिकारणी परोपकारिणी सभा अजमेर से विशेष तौर पर आमंत्रित आचार्य सत्यव्रत मुनि है।
मुनि जी सर्वप्रथम यजमानों को नशा मुक्ति श्रेष्ठ आचार सात्विक जीवन जीने का संकल्प दिलाते हैं फिर यज्ञ अनुष्ठान प्रारंभ किया जाता है। विशाल चतुभुजाकार यज्ञ वेदी पर एक समय में 20 से अधिक होता आहुति देते हैं। कार्यक्रम में सहभागी होने वाले मुनि जन सभी यज्ञ प्रेमियों को आशीर्वाद देते हैं। एमडीएच की विशेष सुगंधित जड़ी बूटियां से युक्त सामग्री का इस अनुष्ठान में प्रयोग किया जा रहा है इस अनुष्ठान के कारण 2 किलोमीटर की वृताकार परिधि में आप यज्ञ की सुगंधी को कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अपनी नासिका से ग्रहण कर सकता हैं अपने आप में यह अपूर्व दुर्लभ अनुष्ठान है। अब तक इस यज्ञ में सैकड़ो परिवार दैनिक यज्ञ करने का शुभ संकल्प ले चुके हैं। महर्षि दयानंद का यही सपना था कि प्रत्येक घर में कम से कम एक समय अग्निहोत्र होना चाहिए। उस सपने को साकार करने की दिशा में यह अनुष्ठान मिल का पत्थर साबित हो रहा है।
कार्यक्रम स्थल वैदिक कालीन ऋषियों के आश्रम की भांति शोभित हो गया है जहां वेद की पवित्र ऋचा गुंजायमान होती रहती है। यज्ञ की दिव्य सुगंधी ने वातावरण को सुरभित कर दिया है।
यज्ञ के उपरांत आमंत्रित भजन उपदेशक महाशय जगमाल का भजन उपदेश होता है।इसके पश्चात ज्ञान यज्ञ का कार्यक्रम चलता है ज्ञान यज्ञ में विशेष तौर पर युवा पीढ़ी को उनके गौरवशाली इतिहास सनातन वैदिक संस्कृति चरित्र निर्माण व जीवन निर्माण में काम आने वाली शिक्षाओं से लाभान्वित किया जाता है।
विगत 7 अक्टूबर को गौतम बुद्ध नगर से आदरणीय देवमुनि की रामेश्वर सरपंच जी यादराम आर्य जी आर्य सागर खारी ने इस यज्ञ के साय कालीन सत्र में सहभागिता की। देव मुनि जी ने पांच महायज्ञ की महिमा को लेकर अपना व्याख्यान दिया ।वहीं आर्य सागर खारी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा- युवाओं को अपनी संस्कृति से जुड़ना होगा वैदिक साहित्य का अध्ययन युवाओं को करना चाहिए युवावस्था में विवेक शक्ति इतनी प्रबल नहीं होती लेकिन ऊर्जा उत्साह रहता है यदि ऊर्जा उत्साह के साथ ऋषियों की विवेकपूर्ण शिक्षा मिल जाए तो सोने पर सुहागा हो जाता है ।आज सुधार की बातें जीवन उपयोगी बातें केवल आर्य समाज के मंचों पर ही उपलब्ध है आर्य समाज ही है जो युवाओं को देशभक्ति चरित्र निर्माण का पाठ पढ़ाता है। ऐसे में इस अनुष्ठान में युवाओं को अपनी अधिक से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन भाई वेद प्रकाश आर्य जी ने किया ।यज्ञीय व्यवस्था बहुत उत्तम चल रही है अतिथियों के सत्कार भोजन आवास जलपान की बेहद उत्तम व्यवस्था है इस अनुष्ठान के लिए समस्त टीला गांववासी आर्यजन कोटि-कोटि धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने अपने तन मन धन को परहित में लगाया है एक पूरा समर्पित टीमवर्क इस अनुष्ठान में कार्य कर रहा है।
इस अनुष्ठान की कल 9 अक्टूबर को 12:00 बजे पूर्णाहुति है ।आप सभी वैदिक धर्म संस्कृति प्रेमी सज्जनों से अनुरोध है सहपरिवार इस यज्ञ पूर्णाहुति में पहुंचकर आयोजकों का उत्साह बढ़ाये ,तन मन धन से सहयोगी बने। यह यज्ञ किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं सनातन वैदिक संस्कृति की रक्षा के लिए आयोजित किया जा रहा है। पूर्व शुभ कर्मों के कर्माश्य के कारण ऐसे विशाल यज्ञों को आयोजित करने में उनमें सहायक भागी होने का अवसर मिलता है ।हमें ऐसे अवसरों से नहीं चूकना चाहिए।
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️।
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