ग्रेटर नोएडा।प्रो निरंजन सिंह सभागार में गांधी जयंती के उपलक्ष में ,इस की पूर्व संध्या पर भाषण प्रतियोगिता एवं काव्य पाठ का आयोजन कराया गया, सभागार में सर्वप्रथम मां सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्वलित कार्यक्रम समिति के द्वारा किया गया इस दौरान मंच संचालन का कार्य संयुक्त रूप से मीडिया प्रभारी डॉक्टर निखिलेश चंद्र शर्मा एवं संस्कृति विभाग से समृद्धि ने किया इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को याद किया गया साथ ही साथ महानायक श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन किया गया । कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत वर्तमान समय में क्यों प्रासंगिक है इस विषय पर प्रबंधन कला,वाणिज्य ,तथा कंप्यूटर साइंस विभाग के विद्यार्थियों ने भाषण प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर भाग लिया तथा आत्मनिर्भरता के वास्तविक अर्थ ,वर्तमान परिवेश में उसकी आवश्यकता तथा भारत का पुरातन इतिहास एवं संस्कृति, भारत में वर्तमान समय में प्रौद्योगिकी की क्रांति ,नवाचार, स्व रोजगार के उत्पन्न होते अवसर आदि के विषय में विद्यार्थियों ने अपने भाषण के द्वारा श्रोताओं को बताया कुछ विद्यार्थी ने काव्य पाठ भी किया जो देशभक्ति से ओतप्रोत था, कार्यक्रम में शामिल विद्यार्थियों में से सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों को भाषण प्रतियोगिता में उत्तम प्रदर्शन हेतु प्रमाण पत्र वितरित किए गए जिसमें अदिति तोमर बी.ए प्रथम वर्ष ,शालू तिवारी बीए तृतीय वर्ष , दुष्यंत लवानीया बी बी ए तृतीय वर्ष , तथा आयुष बी सी ए, तृतीय वर्ष ने बाजी मारी, विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र वहा उपस्थित उप प्राचार्य डॉ अर्चना सिंह, सचिव डॉ एन सी शर्मा, सभी विभागों के कोऑर्डिनेटर,उप कोऑर्डिनेटर, जिनमे दिव्या सिंह, डॉ आर एस यादव ,कविता शर्मा, शिक्षक समृद्धि, स्वेता सिंह,दिव्या राय, डॉ सुभाष राय, मुकेश यादव राहुल त्यागी, लोकेश सिंह, ज्योत्शना, वंदना सिंह,संजय मिश्रा जी आदि की उपस्थिति में प्रदान किए गए मीडिया का आभार मीडिया प्रभारी डॉ एन सी शर्मा जी ने व्यक्त किया अपने संक्षिप्त भाषण में शिक्षाविद डॉ एन सी शर्मा जी ने विद्यार्थियों को कार्यक्रम की प्रस्तावना के बारे में बताते हुए यह संदेश दिया कि यह कार्यक्रम अर्थात सेवा पखवाड़ा जो 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक बनाया जा रहा है वह केवल कुछ दिनों के लिए ही नहीं किंतु आपके लिए आत्मनिर्भर बनाने हेतु सदैव कार्यरत रहेगा ,डॉ शर्मा ने यह भी बताया की आत्मनिर्भरता का वास्तविक अर्थ क्या है ? किस तरीके से महात्मा गांधी जी ने स्वराज की कल्पना की थी तथा आत्मनिर्भरता के प्रतीक चरखा को जन-जन तक घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया था , जो हमें अंग्रेजों की दासता , गुलामी , से दूर करने का एक साधन सिद्ध हुआथा ,उन्होंने बताया की स्वराज एवं गांव के विकास के लिए ग्राम सभा की स्थापना तथा गांव का अपने आप में आत्मनिर्भर बनना तथा शहर पर उसकी निर्भरता ना रहना मिल का पत्थर साबित होगी साथ ही आत्म दीपो भव: के सिद्ध वाक्य को भी विद्यार्थियों को अपनाना चाहिए जो बताता है कि जब तक हम स्वयं ही जागृत नहीं होंगे ,आत्मनिर्भर नहीं होंगे , दूसरे पर हमेशा निर्भर ही रहेंगे तब तक हमारा विकास संभव नहीं होगा, हमें संकट एवं कष्ट आते रहेंगे,हमें अच्छी नौकरी मिल जाए तो करनी ही चाहिए किंतु स्वरोजगार तथा अपने किसी न किसी कार्य को अपनी किसी न किसी कला को भी आत्मनिर्भर होने के लिए विकसित करना चाहिए जिससे हम अपने आप पर आत्मनिर्भर हो सके और अन्य व्यक्तियों को भी अपनी आत्मनिर्भरता के बल पर कार्य दे सकें , इस दिवस श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को याद करते हुए जय जवान जय किसान के नारे को हमेशा याद रखे रहने का आवाहन भी किया गया कार्यक्रम अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में पूर्णतया सफल रहा।
0 टिप्पणियाँ