मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाइम ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर
ग्रेटर नोएडा:- इस परिवर्तनशील संसार में, जिसका जन्म हुआ है, उसका संसार से जाना निश्चित है, लेकिन जन्म लेना उसी का सार्थक है, जो अपने कार्यों से कुल, समाज व राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करता है।चेत राम शर्मा सिलोड़ी ने इस उक्ति को अक्षरश: चरितार्थ किया है। उत्तराखंड के वरिष्ट पत्रकार दीप सिलोड़ी के पिता है और उन्हीं के पदचिन्हों पर आगे बढ़ते हुए, उनका बेटा पत्रकार दीप सिलोड़ी समाज के प्रति मीडिया के माध्यम से सेवा कार्य कर रहे हैं।ज्ञातव्य हो कि काफी समय से बीमारी ने उनको जकड़ लिया था,वह लड़ते रहें और संघर्ष करते रहें लेकिन हिम्मत नही हारी और आखिरकार पिछले दिनों 23 सितंबर की सुबह प्रभु के चरणो में चले गए। उनकी पुण्य आत्मा की शांति के लिए परिवार द्वारा गरुड़ पुराण कथा का भी आयोजन किया, जो ज्योतिषाचार्य राजेश सती की मधुर वाणी से हुआ। जिसमे सैकड़ों,राजनीति,सामाजिक,संगठनों से जुड़े लोग रोज उनको श्रद्धांजलि देने उनके निवास छतरपुर पहुंचते थें।देश सेवा से लेकर समाज सेवा मे अपने समाज के लिए उत्कृष्ट कार्यो का जो जज्बा जुनून स्वर्गीय चेतराम शर्मा सिलोड़ी के जीवन मे प्रत्यक्ष तौर पर देखने को मिलता था, ऐसा सामाज को जोड़ने की अदभुत कार्यशैली, एक लक्ष्य के साथ बहुत कम देखने को मिलती है।उनके समाजिक कार्यो के दौरान,जब महसूस हुआ कि बिना राजनैतिक भागीदारी के समाज के हितों के लिए बेहतर कार्य करना बहुत कठिन है, इस सोच के साथ दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भागीदारी करने का निर्णय लिया व उत्तराखंडी बहुल क्षेत्र कहे जाने वाले वार्ड पुष्प विहार क्षेत्र, जहां कि निर्णायक संख्या में उतराखंडी समाज,जो विभिन्न सरकारी पदों पर कार्यरत निवास करता है, पूर्ण उम्मीदों के साथ इस क्षेत्र को अपने कर्म सेवा स्थल के रूप मे राजनैतिक भागीदारी के लिए चयन किया और चुनाव लड़ा लेकिन बहुत ही कम अंतर से हार हुई। वह फिर से उठे व उन्होंने सभी वर्गो के साथ समाज को जोड़ने के लिए अंतिम समय तक कार्य किया। छोटे छोटे संगठनों के बीच, वह अपनी उपस्थिति देते रहें, विभिन्न संगठनों के बीच सभी प्रवासी संस्थाओं को एक मंच व एक बैनर के माध्यम से पूरी दिल्ली में, संगठन का विधान सभा स्तर पर गठन का प्रस्ताव के साथ अपने विचार प्रस्तुत किएं।इस क्रम मजवाहर पार्क में बैठक रखी गई। जिसमें उत्तराखंड समाज एकता महासंघ दिल्ली प्रदेश का गठन किया गया।जल्द ही एक वर्ष में 5 विधान- सभाओं में संगठन का पूर्ण गठन किया और समाज को सक्रिय तौर पर संगठित किया।जिससे राजनैतिक दलों को भी समाज को राजनैतिक भागीदारी देने की जरूरत महसूस हुई, जो पार्टियां पहले समाज को एक भीड़ का हिस्सा समझकर कोई महत्व न देकर दरकिनार करते रहती थी,अब सम्मान देने लगी।उनका संदेश था कि जब तक उत्तराखंड समाज एकता महासंघ दिल्ली प्रदेश का विस्तार पूरी दिल्ली की गली- मोहल्ले तक नही होगा, तब तक समाज की सामाजिक राजनैतिक भागीदारी का लक्ष्य पूरा नहीं होगा, समय जरूर लगेगा,लेकिन हमारे समाज की भावी पीढी अपने अधिकारों बंचित नहीं रहेगी और हमारा समाज नेतृतव विहीन समाज नही रहेगा।उनका,सत्य, संयम और सेवा के अद्भुत सम्मिश्रण चेतराम शर्मा सिलोड़ी के लिए सदैव उतराखंड समाज मानव हित सर्वोपरि रहा। उनके जीवन का लक्ष्य स्पष्ट था। उनकी जीवन पद्धति तय थी-जो सबके हित में हो और स्वयं के लिए भी सुख देने वाला हो-ऐसा आचरण करो।आपस मे चाहे कितना भी बाद विवाद क्यों न हो लेकिन अपने सामाज की निंदा चोराहो पर या अन्य समाज के बीच मत करो ।अपने समाज के प्रति हर उतराखंडी का एक ही संदेश होना चाहिए।मेरे उत्तराखंडी समाज के जैसा कोई समाज नही,जीवन पर्यंत, इसी आदर्श पर चलने व समाज को एक दृष्टि व दिशा देने वाले स्वर्गीय चेतराम शर्मा सिलोड़ी जी आज भले ही हमारे बीच नहीं रहे हों,लेकिन उनके विचार,कार्य और उनकी शैली, हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी और समाज को पूरी उम्मीद है कि उनका बेटा पत्रकार दीप सिलोड़ी उनके अधूरे सपनों को पूरा करेगे और प्रवासी उत्तराखंड समाज की आवाज को बुलंदी के साथ उठाते रहेंगे व उनके मुद्दो को मीडिया के द्वारा पहचान दिलायेंगे।
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