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तृतीय शारद दुर्लभ यज्ञ वैदिक ग्राम टीला में होगा प्रारंभ।

राजेंद्र चौधरी संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गाजियाबाद।
गाजियाबाद। वैदिक ग्राम टीला  विधानसभा लोनी जनपद गाजियाबाद के  निष्ठावान याज्ञिक आर्य जनों ग्रामवासियों ने 7 दिवसीय 24 घंटे दिन रात अनवरत चलने वाले शारद दुर्लभ के अनुष्ठान का दिव्य संकल्प लिया है तदक्रम में भव्य आयताकार यज्ञ वेदी से लेकर उत्तम से उत्तम जड़ी बूटियां से युक्त सामग्री शुद्ध गौघृत भव्य यज्ञ मंडप का निर्माण कराया गया है। इस दुर्लभ अनुष्ठान में वैदिक जगत के शीर्ष विद्वान वेद रूपी गौ का दोहनन करेंगे अपने आशीर्वचनों से।यह मैराथन अनुष्ठान कल विधिवत प्रातः 9:00 बजे से अग्नि प्रज्वलन अग्न्याधान के पश्चात 3 अक्टूबर से चल जाएगा ।यज्ञीय भावना के प्रचार की दृष्टि से सनातन वैदिक संस्कृति की रक्षा वैदिक मूल्य के प्रचार प्रसार की दृष्टि से यह यज्ञ  वर्तमान देश काल प्रस्थति के अनुसार व्यावहारिक है ।आपस्तम्ब श्रौत सूत्र में अश्वमेध यज्ञ के प्रसंग में आता है अश्वमेध यज्ञ अनेक महीनों तक चलता है यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने भी किया धर्मराज युधिष्ठिर ने भी अश्वमेध किया था। उल्लेखनीय होगा यहूदियों की जितनी परंपराएं हैं सब आर्यों से ही ली गई है आर्यों या हिन्दूओं में जनेऊ यज्ञोपवीत संस्कार होता है यहूदी बालक का भी यह संस्कार होता है वहां जनेउ को जुस्ति बोला जाता है तीन दिन बच्चों का उपवास कराया जाता है। विषय पर लौटते हैं अश्वमेध यज्ञ  की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया के दौरान यह यज्ञ करने वाला चक्रवर्ती राजा पीपल के उत्पल पर बैठकर पूरी रात्रि यज्ञ अनुष्ठान करता है । यज्ञ एक आध्यात्मिक नाटक है जिससे सृष्टि व शरीर रचना को भी समझा जाता है उदाहरण के लिए वैदिक कर्मकांड के ग्रंथ शतपथ ब्राह्मण में यज्ञ की अनेक प्रक्रियाओं के माध्यम से मानव शरीर रचना शास्त्र अर्थात एनाटॉमी को समझाया गया है उस काल में जब एक-रे जैसी शरीर में झांकने वाली तकनीक का भी अविष्कार नहीं हुआ था।अब ना वह वैदिक काल है ना यज्ञीय संस्कृति जिसकी रक्षा के लिए राम लक्ष्मण ने अपने प्राणों का भी दाव पर लगा दिया था ।ऐसे में यदि वातावरण की शुद्धि के लिए सनातन वैदिक धर्म आर्यों हिंदुओं के संगठन हित में ऐसे अनुष्ठान कोई  करता है जिसमें भारी मात्रा में धन खर्च होता है तो हमें उनका उत्साहवर्धन करना चाहिए। इसी क्रम में आज हमने अपनी टीम के साथ पहुंचकर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा भी की यथा सामर्थ्य सहयोग भी किया कार्यक्रम की सभी तैयारियां अपने अंतिम चरणों में है ।ग्राम टीला के सभी वासियों को विशेष तौर पर भाई वेद प्रकाश आर्य सत्येंद्र भगत जी अरविंद आर्य जी राजेंद्र आर्य जी मास्टर निरंजन आर्य जी सहित सभी आर्यजनों आयोजकों को इस ऐतिहासिक अनुष्ठान के सफल होने की कोटि-कोटि अग्रिम शुभकामनाएं! कार्यक्रम के अध्यक्ष शास्त्रार्थ महारथी महेंद्र आर्य जी को भी साधुवाद जिनकी प्रेरणा से अध्यक्षता में  यह यज्ञ हो रहा है।
इस ऐतिहासिक दुर्लभ अनुष्ठान में आप सपरिवार सहभागी होकर महान आध्यात्मिक धर्म लाभ उठाएं तन मन धन से सहयोगी भी बने।
लेखक आर्य सागर खारी तिलपता ग्रेटर नोएडा

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