हैदराबाद – हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सदस्यों द्वारा एक शर्मनाक कृत्य सामने आया है, जिसमें डॉ. बी.आर. अंबेडकर और स्वामी विवेकानंद की छवियों का अपमान किया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में मूत्रालयों पर दोनों महान भारतीय प्रतीकों की तस्वीरों वाले पोस्टरों को चिपकाकर अपमानजनक हरकत की गई है, जिससे विश्वविद्यालय में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया है।
इस घटना के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की HCU इकाई ने कड़ी निंदा की और कहा, "यह शर्मनाक घटना देश की आत्मा पर हमला है। स्वामी विवेकानंद और डॉ. अंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्वों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" एबीवीपी के सदस्यों ने 14 अक्टूबर की शाम को विश्वविद्यालय परिसर में मशाल जुलूस (मशाल रैली) निकाली, जिसमें इस कृत्य के खिलाफ विरोध जताया गया। इस रैली में विश्वविद्यालय के कई छात्रों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने इस कृत्य को भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों पर हमला करार दिया।
विवेकानंद यूथ फोरम ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा, "स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं ने सदियों से युवाओं को प्रेरित किया है। उनका अपमान उन विचारों पर चोट है, जो लाखों भारतीयों को अपनी संस्कृति और सभ्यता से जोड़ते हैं।" फोरम के सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
HCU के वार्डन ने भी इस घटना की आलोचना की और कहा कि विश्वविद्यालय को “उच्च शैक्षणिक खोज और बौद्धिक बहस” का केंद्र बने रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों को संयम और मर्यादा में रहकर अपनी अभिव्यक्ति करने की सलाह दी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
एबीवीपी ने इस अवसर पर एसएफआई के "दोगलेपन" पर सवाल उठाया और कहा कि ऐसे कृत्यों से उनका असली चेहरा सामने आ रहा है। उनका कहना है कि यह घटना दिखाती है कि विश्वविद्यालय परिसर में विचारधारा की लड़ाई अब व्यक्तिगत हमलों तक पहुंच चुकी है।
मशाल जुलूस के दौरान एबीवीपी ने इस घटना के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है और स्वामी विवेकानंद और डॉ. अंबेडकर की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए एकजुटता दिखाई है।
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