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खजुरी थाना पुलिस की प्रताड़ना से परेशान बुजुर्ग दंपत्ति आत्म हत्या करने पर विवश ।



पंकज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाइम ब्यूरो चीफ गाजियाबाद 

दिल्ली:-उत्तर पूर्वी दिल्ली स्थित खजुरी थाना अंतर्गत नवजीवन पब्लिक स्कूल के पास वर्षों से परिवार सहित रहने वाले विजय प्रकाश तिवारी पुत्र राज नारायण तिवारी के पुत्र शुभम तिवारी उम्र 17 वर्ष दिनांक 28/08/2024 को सुबह 11 से 12 के बीच घर से किसी काम को निकला था और बहुत समय बीत जाने पर भी अपने घर पर वापस नहीं आया। बुजुर्ग दंपत्ति का कहना है कि उनके पुत्र शुभम तिवारी का पड़ोस मे ही रहने वाली किसी लड़की से प्रेम प्रसंग था जिसकी पूर्ण जानकारी लड़की के घर वालों को भली-भांति थी, चूंकि लड़की पक्ष के लो काफी दबंग प्रवृत्ति के है जिस कारण मुझे शक है कि उनके द्वारा मेरे लड़के व उनकी लड़की का प्रेम प्रसंग पता चलने पर उनके द्वारा मेरे लड़के के साथ किसी अप्रिय घटना को अंजाम ना दे दिया हो, जबकि पड़ोस मे रहने वाली लड़की भी उसी दिन से लापता है और वह बालिग भी है। हमारे द्वारा एकदिन लड़के के इंतजार करने का फैसला लिया गया कि शायद लड़का वापस आ जाए। अगले दिन दिनांक 29/08/2024 को थाना खजूरी पुलिस द्वारा मुझे खजूरी थाने मे ले जाकर लड़की पक्ष के साथ सांठ-गांठ बना मेरे साथ कई घंटों तक पुलिस द्वारा गाली-गलौज की गई।पीड़ित दंपत्ति का आरोप है कि लड़की पक्ष के साथ थाना खजूरी मे तैनात हेड कांस्टेबल ललित शेहरावत की अच्छी सांठ-गांठ है जिसके दम पर लड़की पक्ष दंपत्ति को उनके घर मे आते ही चारों ओर से मारने के लिये घेर लेते थे, जिस कारण बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा उनकी जान की सुरक्षा के लिये उन्हें अपना घर छोड़ दर-दर भटकने पर मजबूर होना पड़ गया। पुलिस और लड़की पक्ष के इस मजबूत सांठ-गांठ को देखते हुए विजय प्रकाश तिवारी को ना चाहते हुए भी दिनांक 13/09/2024 को कड़कड़डूमा कोर्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली मे अग्रिम ज़मानत की याचिका लगानी पड़ गई, जिसे माननीय न्यायालय द्वारा तर्कसंगत मानते हुए लड़की पक्ष के आपत्ति के बावजूद स्वीकर किया गया। दिनांक 15/09/2024 विजय प्रकाश तिवारी के पुत्र अभय उम्र 21 वर्ष जो कि दिल्ली की किसी निजी कंपनी मे कार्यरत है अपने घर पर गया, लड़की पक्ष को जब यह सूचना मिली कि विजय प्रकाश तिवारी का पुत्र घर पर आया हुआ है तो उनके द्वारा घर के दरवाजे को बाहर से ताला मार कर लड़के को अंदर ही बंद कर दिया गया, जिसके बाद लड़के द्वारा दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन करके अपने जान की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई गई जिसका पंजीकरण नंबर 9876291 दिनांक 15/09/2024 है, जिसके बाद मौके पर पहुंचे हेड कांस्टेबल ललित शेहरावत द्वारा लड़के को अपने साथ थाने ले जाया गया, लड़के का आरोप है कि थाने मे पहुंचने के बाद वहां मौजूद सौरभ नामक पुलिसकर्मी (पद नामालूम) द्वारा मुझे बहुत पीटा गया मुझे, मेरे माता-पिता, मेरी विवाहिता बहनों को गंदी-गंदी गालियां दी गई और मुझे रात 10 बजे तक पानी तक पिलाए बिना थाने के सेल मे बंद रखने के बाद मुझे छोड़ा गया, जबकि मैंने स्वंय दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन कर लड़की पक्ष से अपनी जान की सुरक्षा के लिये गुहार लगाई थी, मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि जिन्हें मैं रक्षक समझ कर बुला रहा हूँ वहीं मेरे भक्षक बन जाएंगे।
पीड़ित दंपत्ति का कहना है कि बहुत हिम्मत जुटा कर जब वह अपनी पत्नी के साथ दिनांक 18/09/2024 को अपने घर गए तब पुनः लड़की पक्ष के कई महिलाओं और पुरुषों द्वारा उन्हें मारने के लिये घेर लिया गया, जैसे तैसे उनके द्वारा घर के मुख्य दरवाजे को बंद करके खुद की जान को सुरक्षित किया गया, जिसके बाद तत्काल विजय प्रकाश तिवारी द्वारा दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन 112 पर फोन कर सुरक्षा की गुहार लगाई गई, पुलिस आई और विजय प्रकाश तिवारी को अपने साथ थाना खजूरी ले गई जहां पुनः उन्हें रात 10 बजे तक बिठाए रखा गया। इस स्थिति मे विजय प्रकाश तिवारी यह बात भलि-भांति समझ मे आ गया कि उनकी व उनके परिवार की उनके ही घर मे जान की सुरक्षा नहीं है और पुलिस द्वारा भी उन्हें सहयोग के स्थान पर मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना ही मिलनी है तो वह पहले के भाँति पुनः दर बदर भटकने को मजबूर हो गए।खजूरी थाना पुलिस यही नहीं रुकी हेड कांस्टेबल ललित शेहरावत द्वारा दिनांक 19/09/2024 को प्रातः पुनः दंपत्ति को थाने बुलाया गया, चूंकि विजय प्रकाश तिवारी जो कि उच्च रक्त चाप (BP) व मधुमेह (SUGAR) की बीमारी से ग्रसित है और एक दिन पहले पूरे दिन थाने मे बैठे रहने से बिगड़े स्वास्थ्य के चलते अवसाद मे आ कहीं चले गए, किंतु उनकी पत्नी तत्काल खजूरी थाना लगभग दिन के 11 बजे पहुंची जहां उन्हें बिना किसी चार्ज के बिठा लिया गया व उनका फोन तक छिन लिया गया और सभी नियम, कायदों, कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए खजूरी थाना पुलिस द्वारा सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक एक बुजुर्ग महिला को सूर्यास्त हो जाने के बाद तक थाने मे बिठाए रखा गया जिसकी गवाही थाने मे लगे सिसिटीवी कैमरा चीख-चीख कर दे रहे हैं। यह वाक्या खजूरी थाना पुलिस व लड़की पक्ष के बीच की मजबूत सांठ-गांठ का अच्छे से बयां करता है। खजूरी थाना मे तैनात हेड कांस्टेबल ललित शेहरावत का मन जब यहा भी नहीं भरा तो उन्होंने बुजुर्ग महिला की सुरक्षा को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए लड़की पक्ष के 20 से अधिक महिलाओं व पुरुषों को भी रात 11 बजे थाने पर बुला लिया जिन्होंने अकेली बुजुर्ग महिला को पुलिस के सामने गंदी-गंदी गालियां दी, इस बात को ललित शेहरावत शायद गलत ठहराए, किंतु बहुत साधारण बुद्धि से भी सोचा जाए तो पता चले कि लड़की पक्ष को आखिर कैसे पता चला कि बुजुर्ग महिला को रात 11 बजे थाने से छोड़ा जाएगा।बुजुर्ग दंपत्ति का खजूरी थाना पुलिस से यही पूछना है आखिर जब उनका खुद का नाबालिग लड़का कई दिनों से लापता है तो आखिर क्यूँ पुलिस द्वारा उसे ढूंढने की बजाय हमे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, आखिर क्यूँ हमारे कई बार आग्रह करने पर भी इतने दिन बीत जाने के बाद खजूरी थाना पुलिस द्वारा हमारे लड़के की गुमशुदगी की रिपोर्ट क्यूँ दर्ज नहीं की जा रही है, पुलिस तो समाज की रक्षक होती है तो आखिर हमारे साथ ही इतना भेदभाव किसलिए, क्या हमारा गरीब होना गुनाह है, क्या हमे कोई कानूनी अधिकारी प्राप्‍त नहीं है। हमारे समाचार पत्र द्वारा खजूरी थाना पुलिस के इस भेद भाव पूर्ण रवैये को देखते हुए इस पूरे मामले की लिखित शिकायत प्रधानमंत्री भारत सरकार, गृह मंत्री भारत सरकार, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, मानवाधिकार आयोग सहित समस्त पुलिस उच्चाधिकारियों को बुजुर्ग दंपत्ति के जान-माल की सुरक्षा हेतु भेजी जा रही है।

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