दिग्गज साहित्यकारों, प्रेरणीय हस्तियों का हुआ सम्मान, बही काव्य रसधार ।

रामानन्द तिवारी संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।
सृजनाभिनंदनम् उत्सव द्वितीय में परम् विद्वानों के कर कमलों से हुआ दर्जन भर पुस्तकों का विमोचन।
नई दिल्ली । हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर  वाङ्गमय कला संगम के तत्वाधान में सृजनाभिनंदनम् द्वितीय उत्सव का शानदार आयोजन संपन्न हो गया।  इस विशेष आयोजन में देशभर के प्रमुख विद्वानों द्वारा दर्जन भर पुस्तकों का विमोचन किया गया। वहीं दिग्गज साहित्यकारों एवं प्रेरणीय हस्तियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित कवियों के द्वारा घंटो तक काव्य रसधार बहती रही। नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित सृजनाभिनंदनम् द्वितीय उत्सव में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन उपरांत वरिष्ठ कवयित्री डॉ वीणा शंकर शर्मा "चित्रलेखा" के द्वारा सरस्वती वंदना की गई। अतिथियों के स्वागत उपरांत मुख्य संयोजक डॉ राकेश छोकर के द्वारा स्वागत भाषण एवं डॉक्टर रीता नामदेव के द्वारा "सृजनाभिनंदनम् क्यों " विषय पर चर्चा की गई। 
  कार्यक्रम में मुख्यतः यशवंत भंडारी यश की काव्य पुस्तक "यथार्थ के धरातल", डॉ राकेश छोकर की काव्य पुस्तक "सत्य से परे", रमन पाल सिंह की काव्य पुस्तक "काव्य गौरवांश", डॉ विनय कुमार सिंघल, डॉ वीणा शंकर शर्मा, अंजू कालरा दासन की कविता शतक भाग-19,
त्रयी-27, काव्य-स्तुति,त्रयी-28 काव्य-चेतना,
कविता शतक भाग 20,त्रयी-29 काव्य-सुमन,
सम्बधों के आरोह-अवरोह (सुमन से सलीब तक),कविता शतक भाग-21,त्रयी-30, काव्य-सुधा,कविता शतक भाग 22 का तथा डॉक्टर सुमन सोनी की एक पुस्तक का विमोचन अतिथियों के द्वारा किया गया। प्रथम एवं द्वितीय सत्र में क्रमशः अध्यक्षता पदम श्री डॉक्टर श्याम सिंह शशि की रही। मुख्य आतिथ्य खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ यशवीर सिंह एवं प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉक्टर राकेश राणा का रहा। सारस्वत अतिथि अतिथि के रूप में डॉ विनय कुमार सिंघल "निश्चल", ट्रू मीडिया के चीफ एडिटर डॉक्टर ओमप्रकाश प्रजापति, यशवंत भंडारी यश रहें। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्रालय के पूर्व निदेशक डॉक्टर विनोद कृष्ण वर्मा, पूर्व पुलिस उपाधीक्षक रमन पाल सिंह, पूर्व मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ओम सपरा, इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल के अध्यक्ष डॉ चंद्रमणि ब्रह्मदत्त, डॉ वीणा शंकर शर्मा रहीं । विशिष्ट अतिथि के रूप में वायर आर्टिस्ट उदित नारायण बैसला, अंजू कालरा दासन उपस्थित रहीं। इस अवसर पर उपस्थित सभी प्रमुख अतिथियों ने हिंदी भाषा के वर्तमान और भविष्य पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का कुशल संचालन हिंदी साहित्य संस्थान की अध्यक्ष विभा राज वैभवी और डॉक्टर राकेश छोकर के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में संयोजन व्यवस्था के तौर पर डॉक्टर संजीव कुमारी, प्रेम राज भाटी की महती भूमिका रही। कार्यक्रम की अगली कड़ी में आयोजको द्वारा सम्मान के तौर पर अतिथियों को "श्री देव विभूति सम्मान"से सम्मानित किया गया। जबकि प्रेरणीय हस्तियों के रूप में उगता भारत मीडिया समूह के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह आर्य, हिंदी व सिंधी की वरिष्ठ कवयित्री आशा सिंघल, वरिष्ठ समाजसेवी अश्वनी दासन, वरिष्ठ समाजसेवी संजय शक्ति राज, द पेनमैन प्रेस के निर्देशक वीरेंद्र सिंह पथिक, वरिष्ठ समाजसेवी बनवारी लाल बटार को "सृजनाधार श्री विभूति सम्मान"से सम्मानित किया गया।"सृजन श्री शौर्य सम्मान" पाने वालों में रमन पाल सिंह, डॉ विनय कुमार सिंघल, डॉ वीणा शंकर शर्मा, डॉ संजीव कुमारी, डॉ राकेश छोकर, डॉ रीता नामदेव, अंजू कालरा दासन, यशवंत भंडारी यश, विभा राज वैभवी, डॉ राकेश कुमार आर्य, डॉ सुमन सोनी प्रमुख रहे।  "सृजन श्री विभूति सम्मान" जितेंद्र सिंह, प्रेम राज भाटी, धर्मवीर नागर, मोहित तंवर, यशवीर सिंह भाटी ,डॉअमरजीत अधानाजितेंद्र पांडेय, संगीता वर्मा, विनय विक्रम सिंह, मंगल सिंह राज, डॉ राजेश शर्मा, आशा साहनी, शालू वर्मा, आलोक शुक्ला, संजय शेखर, सोनू चौहान, इकराम चौहान, श्याम सुंदर को प्रदान किया गया। आयोजन में अंतिम कड़ी के रूप में कवि एवं कवयित्रियों के द्वारा घंटे तक काव्य की रसधार से उपस्थित श्रोतागण अभीभूत हुए।

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