देशभक्ति गायन, वादन और नृत्य से द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी के बच्चों ने बांधा समां

कर्मवीर आर्य संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा: 78 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित  "मेलोडी एंड रिदम ऑफ इंडिपेंडेंस"  कार्यक्रम में "द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी" के बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत गायन, वादन और नृत्य के अलावा पाश्चात्य संगीत में भी बच्चों ने पेश कर उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया।
शहर के वाइएमसीए में आयोजित इस  कार्यक्रम में, द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी के 70 बच्चों ने भारतीय संस्कृति और देशभक्ति के रंग में डूबी कई प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम के दौरान, देशभक्ति गीतों के माध्यम से भारत के वीरों को नमन किया गया, जिससे पूरा माहौल देशभक्ति से सराबोर हो गया। कत्थक नृत्य आकर्षण का केंद्र बना। छात्राओं द्वारा  भाव-भंगिमाओं, ताल और घूमने वाले गतियों का अद्वितीय संयोजन देख  दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। 
इससे पहले मुख्य अतिथि एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार, जैन वर्ल्ड मिशन के संस्थापक ध्यानाचार्य डॉ. अजय जैन, लॉयड इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ निदेशक प्रोफेसर राजीव अग्रवाल और  आर्ट ऑफ लिविंग के कोऑर्डिनेटर राजेश माथुर,  द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी की अध्यक्ष प्रियंका मिश्रा  ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। अपने सम्बोधन में, एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने "द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी" द्वारा प्राचीन गुरु-शिष्य परम्परा को जीवित रखने और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संगीत के इस पावन गुरुकुल में जिस तरह से बच्चों को न केवल संगीत की शिक्षा दी जा रही है, बल्कि उनमें संस्कार और अनुशासन का भी समावेश किया जा रहा है, वह अत्यंत सराहनीय है। अशोक कुमार ने यह भी कहा कि इस तरह की संस्थाएं हमारे सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, और "द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी" इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।
ध्यानाचार्य डॉ. अजय जैन ने अपने संबोधन में कहा कि संगीत का हमारे जीवन और प्रकृति पर गहरा प्रभाव है। उन्होंने बताया कि तनाव को दूर करने में संगीत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, और ध्यान में इसका समावेश व्यक्ति की मानसिक शांति को बढ़ाता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्राचीन समय में, रागों की शक्ति इतनी प्रभावी थी कि एक विशेष राग के माध्यम से बारिश तक कराई जा सकती थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संगीत और प्रकृति के बीच कितना गहरा संबंध है।
राजेश माथुर ने बच्चों की प्रतिभा की भरपूर सराहना की। उपाध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा हमारी संस्था द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी का उद्देश्य है बच्चों को शास्त्रीय संगीत से जोड़ना, उनकी कला और संस्कृति से नाता गहरा करना, और उनके सर्वांगीण विकास के लिए एक समृद्ध मंच प्रदान करना, और गुरु शिष्य परंपरा को कायम करना।
इस मौके पर गुरु सताराम बोरो, गुरु संगीत जोशी, गुरु सोनम मिश्रा, गुरु अवरथंगा चीरू, गुरु उपेन्द्र कुमार, गुरु आनन्द मिश्रा, द गुरुकुल म्युजिकोलॉजी की अध्यक्ष प्रियंका मिश्रा, उपाध्यक्ष रोहित कुमार, सचिव रोहित प्रियदर्शन शहर के गणमान्य लोग व अभिभावकगण मौजूद रहे।

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