शिक्षा,आपसी तालमेल व सामाजिक ज्ञान से बचाया जा सकता है शादी के बाद पारिवारिक विघटन व शादी टूटना :रामकुमार तंवर

कुलदीप चौहान संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नोएडा।
नोएडा। दिनाक 18/8/24 को गुर्जर आर्ट एण्ड कल्चरल ट्रस्ट द्वारा गुर्जर समाज मे तेजी से बढ़ रही एक ऐसी समस्या  (शादी के बाद पारिवारिक विघटन व शादी टूटना) जिसका अगर जल्दी से कोई समाधान न निकाला गया तो पता नही आने वाले समय मे ये समस्या कितने बच्चों के भविष्य को खराब करने के साथ साथ न जाने कितने परिवारों में कटुता भर देगी, पर अधिवक्ता चर्चा के लिए नोएडा सेक्टर 6 स्थित इंद्रा गाँधी कला केंद्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य रामकुमार तंवर ने बताया कि आज हमारे समाज में बहुत तेज़ी से एक ऐसी बीमारी फैल रही है अगर इसका जल्द से जल्द उपचार नहीं किया शिक्षा के ज्ञान ओर सामाजिक ज्ञान से ही हम इस समस्या का हल निकाल सकते है वरना ये समस्या  समाज को बहुत नुक़सान पहुँचायेगी।
इन प्रमुख बिंदुओ पर प्रोग्राम में चर्चा हुई  
1. शादी क्यों टूट रही है व कैसे बचाई जा सकती है पर प्रकाश
2. शादी के बाद लड़का-लड़की दोनों के परिवार द्वारा उनके बीच मे पर्सनल दखलंदाजी व उसमे पड़ने वाले दुष्परिणाम पर प्रकाश
3. बेमेल शादियों के होने के कारण पर प्रकाश
4. वर्तमान में जिनके विवाह टूटने की कगार पर हैं उन्हें कैसे बचाएं पर विचार
5. समाज द्वारा पीड़ित पक्षों के लिए क्या क्या योगदान हों , उन पर विचार
6. ऐसे क्या संस्कार, शिक्षा, सामाजिकता दें जो विवाह टूटने व दहेज लेन-देन को रोक सम्भव हो !इस अवसर पर सभी ने सर्वसम्मित से निर्णय लिया कि इस समस्या के समाधान के लिए गाँव गाँव एक कमेठी बनाई जायेगी जिसमें  महिलाओं की संख्या ज़्यादा होगी ओर इन गंभीर मुद्दों पर विचार विमर्श हो सके।इस अवसर पर ट्रस्ट की तरफ़ से वक्ताओं को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया गया।इस कार्यक्रम में नोएडा,फ़रीदाबाद,गुरुग्राम,दिल्ली,पश्चिम यूपी में सेकडो की संख्या में गुर्जर समाज के सम्मानित लोग मोजूद रहे।मोजूद रहने वालो में दिवाकर सिंह बिधुरी,रामफुल सिंह भाटी,निरंजन नागर,राजकुमार भाटी,पूर्व मंत्री हरचंद भाटी,चौधरी यशवीर सिंह, बिजेंद्र भड़ाना ,एडवोकेट अंजू तंवर,निशु अवाना,डॉ रीना चौधरी, हितेंद्र चौधरी,जितेंद्र तंवर,सुरेंद्र भाटी, कर्मवीर गुर्जर, लेफिटीनेंट कमांडर दीपक भाटी, सशींदर भाटी, राहुल बिधुरी,अजय चौधरी,मुकेश कसाना, प्रवीण कसाना आदि गुर्जर समाज के लोग मोजूद रहे।

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