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आईएमएस में दीक्षारंभ का आयोजन ।



 मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 
नोएडा। इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज आईएमएस नोएडा में बीबीए, बीसीए, बीएजेएमसी, एमएजेएमसी एवं पीजीडीएम प्रथम सत्र के छात्रों के लिए दीक्षारंभ का आयोजन हुआ। सेक्टर 62 स्थित संस्थान परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर वक्ता नेटवर्क 18 के सीनियर एडिटर प्रतीक त्रिवेदी के साथ आईएमएस के महानिदेशक प्रो.डॉ. विकास धवन एवं डीन डॉ. नीलम सक्सेना ने अपने विचार प्रकट किए। वहीं कार्यक्रम के दौरान सभी विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ संस्थान के शिक्षक एवं छात्रों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करायी।विद्यार्थियों की उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए प्रो.(डॉ.) विकास धवन ने कहा कि भविष्य में राष्ट्र के विकास में आपकी भूमिका अतुलनीय होगी। आप अनुशासित, प्रतिबद्धता एवं दृढ़. निश्चित होकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि सफलता की सीढ़ी भविष्य की योजना एवं समय प्रबंधन पर निर्भर है। आप नियमित रूप से खुद को अपडेट रखें, हमें उम्मीद है कि हमारे छात्र खुद में सकारात्मक बदलाव के साथ राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभएंगे। कार्यक्रम के दौरान डॉ. नीलम सक्सेना ने छात्रों से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने का सुझाव दिया ताकि उनके मन में किसी भी तरह की अवसाद, चिंता एवं तनाव ना रहें। उन्होंने कहा कि आप सभी भविष्य में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने कौशल को बढ़ाने के साथ नई तकनीकों को सीखें। साथ ही पाठ्यक्रम शिक्षा के दौरान ही इंडस्ट्री के अनुरूप सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से खुद को अपडेट रखे।कार्यक्रम के दौरान प्रतीक त्रिवेदी ने छात्रों के समक्ष अपना विचार प्रकट करते हुए कहा कि सफल बनने के लिए पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुट जाए। जीवन में असफलता से सीख लें एवं पुनः तत्परता एवं दोगुने उत्साह से सफलता प्राप्ति के लिए तैयार रहें। उन्होंने छात्रों से जीवन में आशावादी बनने के लिए प्रेरित किया। दीक्षारंभ समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्ति के लिए आप सभी योजनाबद्ध तरीके से हर दिन कुछ नया सीखने पर फोकस करें। उन्होंने छात्रों से खुद के लिए विश्वास विकसित करने के लिए प्रेरित किया। वहीं कार्यक्रम के अंत में संस्थान की ओर से सभी छात्रों को संस्थान की गरिमा, नैतिक जिम्मेदारी एवं राष्ट्रहित के निर्माण में उनकी भूमिका की शपथ दिलायी गयी।

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