-->

वैदपुरा कॉलेज का विद्युत कनेक्शन कटा, छात्रों का जीवन संकट में

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
दादरी। गौतमबुद्ध नगर के वैदपुरा गांव स्थित श्री संत विनोबा भावे इंटर कॉलेज का विद्युत कनेक्शन 12 लाख 50 हजार रुपए का बकाया होने के कारण काट दिया गया है। पिछले कई वर्षों से विद्युत बिल का भुगतान न होने के चलते बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी एनपीसीएल ने यह कदम उठाया है। इसके परिणामस्वरूप, भीषण गर्मी में छात्रों को बिना पंखे और कूलर के पढ़ाई करनी पड़ रही है, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। 
छात्रों के साथ खिलवाड़।
विद्युत कनेक्शन कटने के कारण छात्रों को गर्मी के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है। कॉलेज के परिसर में पंखे और कूलर बंद होने के कारण छात्र-छात्राएं गर्मी से बेहाल हो रहे हैं और चक्कर खाकर गिरने जैसी घटनाएं हो रही हैं। छात्रों की इस स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग उठ रही है।
प्रधानाचार्य की नियुक्ति में राजनीति।
हाल ही में नए प्रधानाचार्य वीरेंद्र सिंह के पदभार ग्रहण करने के बाद विद्युत कनेक्शन काटे जाने के पीछे राजनीतिक खींचतान और षड्यंत्र का संदेह जताया जा रहा है। वीरेंद्र सिंह की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से चल रही गुटबाजी और विरोध के चलते उनके पदभार संभालते ही एनपीसीएल द्वारा विद्युत कनेक्शन डिस्कनेक्ट करने की घटना पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले, वर्षों से बकाया होने के बावजूद कॉलेज का कनेक्शन नहीं काटा गया था, जो कि जांच का गंभीर विषय है।
शिक्षा विभाग और प्रशासन की उदासीनता
भीषण गर्मी में छात्रों की कठिनाई को देखते हुए यह सवाल उठता है कि शिक्षा विभाग और प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर ध्यान क्यों नहीं दिया। यह मामला समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हो चुका है, फिर भी संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में छात्रों और उनके अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है।
कर्मवीर नागर की मांग।
पूर्व प्रमुख कर्मवीर नागर ने छात्रों की समस्याओं को देखते हुए विद्युत कनेक्शन जुड़वाने के तत्काल आदेश पारित करने की मांग की है। उनका कहना है कि छात्रों का जीवन संकट में है और विद्युत कनेक्शन काटा जाना न केवल उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि एक गंभीर अपराध भी है। 
शासन, प्रशासन और शिक्षा विभाग से अनुरोध किया जा रहा है कि वे इस गंभीर समस्या पर तुरंत संज्ञान लें और छात्रों को राहत देने के लिए विद्युत कनेक्शन जुड़वाने के आदेश पारित करें। शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों को चाहिए कि वे इस मामले की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों ताकि छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए और उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।
अंत में, यह सुनिश्चित करना अत्यावश्यक है कि शिक्षा संस्थान को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए और छात्रों के हितों को सर्वोपरि रखा जाए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ