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दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग ट्रैजेडी: आईएएस बनने की दौड़ में कौन है असली दोषी?

दिल्ली: राजेंद्र नगर में स्थित आईएएस कोचिंग संस्थान में हाल ही में घटी त्रासदी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां कुछ लोग इस हादसे के पीछे बाहरी कारणों को दोषी मान रहे हैं, वहीं जितेंद्र पाल सिंह गुर्जर का मानना है कि असली दोषी कोई और नहीं बल्कि बड़े भाई समान आईएएस अधिकारी हैं।
आईएएस बनने का सपना देखने वाले छात्रों के माता-पिता अक्सर अपने बच्चों पर भारी आर्थिक दबाव डालते हैं। उन्हें उम्मीद होती है कि बच्चे सफल होकर परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारेंगे। लेकिन इस दबाव का असर बच्चों की मानसिकता पर पड़ता है, जो केवल धन कमाने की मशीन बनकर रह जाते हैं। 
जितेंद्र पाल सिंह गुर्जर ने कहा कि राजेंद्र नगर की इस त्रासदी का मुख्य दोषी आईएएस अधिकारी है, जो अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली कोचिंग संस्थानों की देखरेख में असफल रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस त्रासदी के दौरान धरना दे रहे भविष्य के आईएएस छात्रों से संवाददाताओं ने जब पूछा कि असली दोषी कौन है, तो किसी ने भी बड़े भाई यानी आईएएस अधिकारी को चिन्हित नहीं किया।
गुर्जर का कहना है कि मृतकों के परिजनों को पांच-पांच करोड़ रुपये का मुआवजा मांगने की बजाय, व्यवस्था को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। उनके अनुसार, धन की भूख ने इन छात्रों की मानसिकता को प्रभावित किया है, और इसी भूख के कारण यह त्रासदी हुई है।
गुर्जर ने ईश्वर से कामना की है कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले, उनके परिवारों को दुख सहने की शक्ति प्रदान हो, और दोषियों को सजा मिले। साथ ही, उन्होंने प्रार्थना की है कि समाज की धन की भूख कम हो, जिससे इस प्रकार की घटनाएं न हों और राष्ट्र का उत्थान हो।

लेखक:- जितेंद्र पाल सिंह गुर्जर, 1 अगस्त 2024

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