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स्वामी चक्रपाणि महाराज का कावड़ यात्रा पर निर्देश: भगवा ध्वज का ही प्रयोग करें, तिरंगा का नहीं

कमल प्रजापति संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स दिल्ली।सावन के प्रथम सोमवार को स्वामी चक्रपाणि जी महाराज का स्वागत अभिनंदन करते हुए स्वामी श्रीराम जी,आरती त्रिपाठी मेंबर प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया, एस . एस.त्रिपाठी नेशनल प्रेसिडेंट ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय पांडे,जिला गौतमबुद्ध नगर से रणबीर चौधरी जी और श्रीकांत पांडे।

नई दिल्ली: अखिल भारत हिंदू महासभा संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने श्रावण महीने में कावड़ यात्रा के दौरान तिरंगा ध्वज के प्रयोग को गलत ठहराया है। स्वामी जी ने कहा कि कावड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है जिसमें भगवान शिव के भक्त पवित्र गंगाजल लेकर भगवान भोलेनाथ को अर्पित करते हैं। ऐसे में इस यात्रा में केवल भगवान शिव के पताका या भगवा ध्वज का ही प्रयोग होना चाहिए।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने जोर देकर कहा कि कावड़ यात्रा को पूरी तरह धार्मिक और पवित्र बनाए रखना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के राजनीतिक या फिल्मी गीतों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह धार्मिक यात्रा है और इसे धार्मिकता की भावना से ही संपन्न किया जाना चाहिए।" स्वामी जी ने सुझाव दिया कि यात्रा में भारतीय सनातन संस्कृति से संबंधित वाद्य यंत्र जैसे डमरू, शंख, तुर्तुरी, ढोल और नगाड़े बजाए जाएं।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कावड़ यात्रियों को नशा सेवन से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "किसी भी प्रकार का नशा सेवन पाप का भागीदार बनाता है, इसलिए नशा सेवन से बचना चाहिए।" स्वामी जी ने अपने जीवन को सुचिता, पवित्रता, सत्य, अहिंसा, करुणा, दया और प्रेम के साथ जीने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन गुणों के साथ भगवान शिव का स्मरण करने से ही भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने सरकार द्वारा दुकानदारों और ढाबों की पहचान उजागर करने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह पहल पूरे देश में सभी धर्मस्थलों पर लागू होनी चाहिए। इससे धार्मिक लोगों को यह स्पष्ट हो सकेगा कि वे जिससे सामान ले रहे हैं वह कहीं जिहादी मानसिकता का थोक व्यापारी तो नहीं है। स्वामी जी ने कहा कि इस धार्मिक यात्रा की पवित्रता और सुचिता को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है ताकि भगवान शिव की कृपा भक्तों पर बनी रहे और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकें।
श्रावण के प्रथम सोमवार पर स्वामी चक्रपाणि महाराज ने घोषणा की कि जल्द ही काशी विश्वनाथ और औरंगजेब कालीन अन्य मंदिरों को मुक्त कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह शिव भक्तों की सबसे बड़ी भक्ति होगी कि वे इसमें अपना तन, मन, धन से सहयोग करें और अपने शिवालयों को मुक्त कराएं।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने सभी शिव भक्तों को मंगल कामना और बधाई दी। उन्होंने कहा, "भगवान शिव सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करें, ऐसी मेरी भगवान शिव के चरणों में प्रार्थना है।" आज श्रवण के सोमवार को स्वामी जी का कई भक्तों ने आकर स्वागत और हार्दिक अभिनंदन किया।
इस प्रकार, स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कावड़ यात्रा के धार्मिक महत्व को बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए और भक्तों को भगवान शिव की भक्ति में समर्पित रहने की प्रेरणा दी।

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