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नई दिल्ली में इंटरनेशनल रेकी अवार्ड्स: प्राचीन भारतीय विद्या को बढ़ावा

कमल प्रजापति संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स दिल्ली।नई दिल्लीः‌ नई दिल्ली के हिंदी भवन में रेकी हीलिंग फाउंडेशन और श्री निकेतन फाउंडेशन, न्यूयॉर्क, यूएसए द्वारा आयोजित इंटरनेशनल रेकी अवार्ड्स कार्यक्रम में हजारों रेकी मास्टरों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, अखिल भारत हिंदू महासभा / संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने रेकी को भारतीय प्राचीन विद्या बताते हुए कहा कि यह विद्या भारत से पूरे विश्व में फैली है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने बाली और सुग्रीव के युद्ध के दौरान स्पर्श चिकित्सा के माध्यम से सुग्रीव के कष्ट को दूर किया था।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने डॉ. एन.के. शर्मा और डॉ. सविता शर्मा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने रेकी समेत कई प्राचीन विद्याओं को पुनर्जीवित करने और प्रचारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अमेरिका से आई वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. पूर्णिया ए. देसाई को भी उनके कार्यों के लिए बधाई दी। स्वामी जी ने कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री आर. जैन और अतुल अग्रवाल की भी सराहना की, जिन्होंने समाज और राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है।
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने विश्व भर से आए हुए रेकी मास्टरों को सम्मानित प्रतीक चिन्ह और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया और उन्हें बिना भेदभाव और लोभ-लालच के मानव सेवा में जीवन अर्पित करने का संकल्प दिलवाया। उन्होंने कहा कि यह सेवा भविष्य के लिए स्वर्णिम समय की नींव रखेगी।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. आनंद शर्मा और डॉ. गिरजा ने किया। स्वागत अध्यक्ष डॉ. श्वेता शर्मा ने सभी अतिथियों और रेकी मास्टरों को धन्यवाद और बधाई दी। इस अवसर पर स्वामी चक्रपाणि महाराज के शिष्य और हिंदू महासभा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय पांडेय और श्रीकांत पांडेय भी उपस्थित थे। इ
रेकी हीलिंग फाउंडेशन के इस कार्यक्रम ने प्राचीन भारतीय विद्याओं को पुनर्जीवित करने और वैश्विक मंच पर उनके महत्व को पुनर्स्थापित करने का कार्य किया है।

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