गाजियाबाद, गुरुवार 4 जुलाई 2024, आर्य समाज ने हाथरस में हुई दुर्घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि हाथरस सत्संग के दौरान हुई दुर्घटना बेहद चिंताजनक और सभ्य समाज के लिए चुनौती है। आज भी समाज में बढ़ता पाखंड और अंधविश्वास विचारणीय है कि किस तरह धर्म के नाम पर भोले-भाले लोगों को गुमराह किया जा रहा है। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने उस समय समाज में व्याप्त बुराइयों पर सीधा प्रहार किया था। उन्होंने धर्म को सत्य और तर्क की कसौटी पर कसने का आह्वान किया था। अनिल आर्य ने आर्य लोगों से अपील की कि समाज में बढ़ता गुरुवाद लोगों को गुमराह कर रहा है, इसके लिए लोगों को जागरूक करें। विज्ञान और सत्य को परखने के बाद ही स्वीकार करें, सत्य को जानने के लिए "वेदों" की ओर रुख करना होगा। उन्होंने सनातन धर्म प्रतिनिधि सभाओं से भी अनुरोध किया कि वे अपने धर्म प्रचारकों की मान्यता प्राप्त सूची जारी करें, ताकि ऐसी घटनाओं को हिंदू धर्म से न जोड़ा जाए। उन्होंने केंद्र सरकार से भी मांग की कि अब समय आ गया है कि धर्म की सही परिभाषा भी निर्धारित की जाए, ताकि कोई किसी को गुमराह न कर सके। अनिल आर्य ने कहा कि हिंदू धर्म "सर्वे भवन्तु सुखिनः" की प्रार्थना करता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और योगीराज श्री कृष्ण हमारे आदर्श हैं, हिंदुओं को हिंसक कहना निंदनीय और शर्मनाक है।राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि हम गाजियाबाद से "पाखंड खोल अभियान" की शुरुआत करेंगे.।
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