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मोहियापुर में मस्जिद निर्माण पर उच्च न्यायालय का फैसला: जनहित याचिका खारिज, निर्माण का रास्ता साफ

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
नोएडा, 26 जुलाई 2024 - गांव मोहियापुर में मस्जिद निर्माण को लेकर चल रहे विवाद में आज एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका खारिज कर दी। इस फैसले से गांव में मस्जिद निर्माण का रास्ता साफ हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी असंतोष और अशांति का माहौल पैदा हो गया है।
श्रीमती समीना कांचवाला, जो कि गांव मोहियापुर में किसानों से जमीन खरीद चुकी हैं, ने एक अस्थाई मस्जिद का निर्माण किया था। यह निर्माण गांव के निवासियों की भावनाओं के विपरीत था, क्योंकि गांव में एक भी मुस्लिम परिवार निवास नहीं करता। समीना कांचवाला ने बाहरी मुस्लिम भीड़ को बुलाकर नमाज अदा करवानी शुरू कर दी, जिससे गांव और आसपास के क्षेत्र में अशांति फैल गई।
गांव के निवासियों ने आरोप लगाया कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस निर्माण को रोकने के बजाय, महिला से रिश्वत लेकर निर्माण कार्य को प्रोत्साहित किया। इसको लेकर गांववासियों ने कई बार प्राधिकरण में शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आखिरकार, गांववासियों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की, जिसमें अवैध निर्माण को रोकने और हटाने की मांग की गई। अदालत ने इस पर विचार करते हुए पहले अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया था। हालांकि, आज उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका खारिज कर दी और निर्णय दिया कि नोएडा प्राधिकरण को ही यह अधिकार है कि वह किसी अवैध निर्माण को रोक सके या नष्ट कर सके।
गांववासियों का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण उनके निर्माण कार्यों को रोकता है, लेकिन समीना कांचवाला के अवैध निर्माण को अनुमति देता है। इससे स्थानीय निवासियों में भारी असंतोष है और वे प्राधिकरण की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।
एक स्थानीय निवासी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "यह फैसला हमारे लिए बहुत निराशाजनक है। हम सिर्फ यह चाहते थे कि हमारे गांव में शांति बनी रहे, लेकिन अब हमें लगता है कि हमारी आवाज को दबाया जा रहा है।"
गांववासियों का यह भी आरोप है कि प्राधिकरण के अधिवक्ता और अधिकारियों ने मिलकर मोटी रिश्वत लेकर याचिका को खारिज करवाया है। इस मामले में अगर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने सख्त कार्रवाई नहीं की, तो यह देश की दशा और दिशा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
यह मामला न केवल स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे देश के लिए भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है कि किस प्रकार से सरकारी प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार और असमानता की स्थिति को दूर किया जा सकता है। 
आने वाले समय में देखना होगा कि सरकार और प्राधिकरण इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं और गांव के निवासियों की भावनाओं और शांति को कैसे बनाए रखते हैं।

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