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विपक्ष का 'संविधान बचाओ' नाटक: असल हत्यारे कौन?

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
जे.पी. सिंह गुर्जर का खुलासा, 13 जुलाई 2024:-
नोएडा - 'ॐ नम: शिवाय' के उद्घोष के साथ, जे.पी. सिंह गुर्जर ने अपने नवीनतम लेख में विपक्ष के 'संविधान बचाओ' आंदोलन को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने इस आंदोलन को जनता को भ्रमित करने वाला बताते हुए इसे 'बहरूपिया नकली नाच' करार दिया है। गुर्जर ने कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं पर संविधान का झूठा नाच करने का आरोप लगाया है।

1975 का आपातकाल: पहली संविधान हत्या!
जे.पी. सिंह गुर्जर ने अपने लेख में संविधान की पहली हत्या के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "संविधान की हत्या सर्वप्रथम 25 जून 1975 को कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लगाकर की गई थी।" गुर्जर ने बताया कि इस दौरान सभी नागरिक अधिकार छीन लिए गए थे और मीडिया पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। यह समय इतना भयावह था कि कोई भी व्यक्ति आजाद नहीं था और सच्चाई दिखाने की कोशिश करने वाले पत्रकारों को जेल में डाल दिया जाता था।
शाहबानो मामला: दूसरी संविधान हत्या!
गुर्जर ने राजीव गांधी के कार्यकाल में हुई दूसरी संविधान हत्या का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "राजीव गांधी ने संविधान का पालन करने वाले शाहबानो के भरणपोषण के आदेश को कट्टरपंथी ताकतों के दबाव में निरस्त कर दिया था।" इस निर्णय को गुर्जर ने संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए इसकी निंदा की।
मुलायम सिंह यादव का कार्यकाल: तीसरी संविधान हत्या!
तीसरी संविधान हत्या का जिक्र करते हुए, गुर्जर ने मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, "मुलायम सिंह यादव ने अपने कार्यकाल में अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे गुंडों को संरक्षण देकर संविधान का मखौल उड़ाया।" गुर्जर ने आरोप लगाया कि यादव ने इन गुंडों को गरीबों की जमीनों पर कब्जा करने और हफ्ता वसूली करने की अनुमति दी। न्यायविद भी न्याय देने से डरते थे, जिससे संविधान की हत्या और उसका मखौल दोनों ही उडाया गया।
गुर्जर ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और इंडी गठबंधन के अन्य नेताओं को संविधान की प्रतियां लेकर जनता को भरमाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ये सभी बहरूपिये संविधान की प्रतियां लेकर दिखाना चाहते हैं कि वे संविधान के सबसे बड़े रक्षक हैं, जबकि असल में ये संविधान के हत्यारे हैं।"
गुर्जर ने अपने लेख के अंत में जनता को सावधान रहने की अपील की। उन्होंने कहा, "संविधान की कोपियां हाथ में लिए ये असल हत्यारे बहरूपियों से शतर्क रहो। कहीं आपातकाल से भी बुरा समय देखना ना पड़े। निर्णय आपका, इन बहरूपियों से शतर्क रहें, सावधान रहें। यही सत्य है।"
जे.पी. सिंह गुर्जर ने अपने लेख में विपक्ष के 'संविधान बचाओ' आंदोलन को जनता को भ्रमित करने वाला बताते हुए, संविधान की हत्या के इतिहास पर रोशनी डाली है। उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मुलायम सिंह यादव पर संविधान की हत्या के आरोप लगाते हुए जनता को सचेत रहने की अपील की है। गुर्जर ने कहा कि संविधान का असली हत्यारा वही है जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ जाकर कार्य करता है। 

लेखक: जे.पी. सिंह गुर्जर

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