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रॉयल नेस्ट के मृदुल आनंद ने NEET में 720/720 अंक प्राप्त कर हासिल की ऑल इंडिया रैंक वन

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा। साझा करते हुए खुशी हो रही है। रॉयल नेस्ट की श्रीमती और अवनीश आनंद के बेटे मृदुल आनंद ने NEET प्रवेश परीक्षा में 720/720 अंक प्राप्त करके ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की। परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए।
मृदुल आनंद का यह उल्लेखनीय प्रदर्शन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे शहर के लिए गर्व का विषय है। मृदुल ने अपनी मेहनत, समर्पण और अनुशासन के बल पर यह सफलता प्राप्त की है। उनका यह सफर कई छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
मृदुल के माता-पिता ने हमेशा से अपने बेटे को हर संभव समर्थन और प्रोत्साहन दिया है। मृदुल के पिता, श्री अवनीश आनंद, ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को हमेशा उसकी पसंद के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। मृदुल की मां, श्रीमती आनंद, ने भी अपने बेटे की सफलता पर गर्व महसूस करते हुए कहा, "मृदुल ने हमेशा से ही कठिन परिश्रम और अनुशासन में विश्वास किया है। हम उसकी सफलता पर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं।
मृदुल की इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने NEET की तैयारी के लिए एक सख्त दिनचर्या अपनाई थी। मृदुल का कहना है, "मेरे माता-पिता और शिक्षकों का मार्गदर्शन और समर्थन मेरे लिए प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया और मुझ पर विश्वास किया।
मृदुल के स्कूल और कोचिंग संस्थान के शिक्षकों ने भी उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई है। उनके शिक्षकों का कहना है कि मृदुल हमेशा से ही एक मेधावी और समर्पित छात्र रहे हैं। उनकी यह सफलता उनके दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम का प्रमाण है। उनके कोचिंग संस्थान ने भी उन्हें निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन दिया है, जिससे वे अपनी तैयारी में और अधिक आत्मविश्वास महसूस कर सके।
मृदुल आनंद की यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि यदि किसी में दृढ़ संकल्प और मेहनत करने की लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। मृदुल ने यह साबित कर दिया है कि समर्पण और मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
मृदुल अब अपने मेडिकल कैरियर की शुरुआत करने के लिए उत्सुक हैं। उनका सपना एक सफल चिकित्सक बनकर समाज की सेवा करना है। वे अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए, चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं और अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करके लोगों की सेवा करना चाहते हैं। मृदुल का मानना है कि शिक्षा का असली उद्देश्य समाज को बेहतर बनाना है और वे इस दिशा में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मृदुल आनंद की यह सफलता एक प्रेरणादायक कहानी है, जो यह साबित करती है कि कठिन परिश्रम, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का विषय है। मृदुल की यह कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं। मृदुल की यह उपलब्धि हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए समर्पण और मेहनत ही सबसे महत्वपूर्ण है।

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