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श्री गुरु ने कहा, ईश्वर प्राप्ति का साधन है सत्संग

रामानन्द तिवारी संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।
नई दिल्ली। श्रीमद् राजचन्द्र मिशन के तत्वावधान में दिल्ली के लोधी रोड स्थित सत्य सांई ऑडिटोरियम में परम सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री गुरु ने वहां मौजूद सैकड़ों साधकों को सत्संग के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान भजन गायकों ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को भक्तिरस में डूबो दिया। अन्य भक्तों ने दोनों हाथों को उठाकर गायक कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम के दौरान श्री गुरु ने वहां मौजूद साधकों को सत्संग का अर्थ बताते हुए इसकी व्याख्या की। उन्होंने कहा सत्संग का मतलब ऐसे संतों या महापुरुषों से मिलना जो हमारे शास्त्रों में बताई गई बातों पर अमल करते हैं और जिन्होंने ईश्वर का अनुभव किया है और उनके साथ अच्छे विचारों का आदान-प्रदान करना है। श्री गुरु ने कहा, सत्संग के माध्यम से व्यक्ति निस्वार्थ और परोपकारी बनता है। इसके बाद, यह व्यक्ति निस्वार्थ लक्ष्य और कार्य की ओर अग्रसर होगा और दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित होगा। अंतिम परिणाम आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक रूप से लोगों का विकास होगा।
अपने साधकों से श्री गुरु ने कहा, उठो ,जागो ,सद्गुरु को पहचानो तथा उनकी शरण में जाकर ज्ञान के मोतियों से  अपने जीवन को संवार लो। श्री गुरु ने कहा, सत्संग ईश्वर प्राप्ति का साधन है। जब मनुष्य के संस्कार जागृत होते हैं तो उसे सदगुरु मिल जाते हैं जिनके मार्गदर्शन से ब्रह्मज्ञान हो जाता है। जब ब्रह्मज्ञान होता है तो जन्म जन्मांतर का सारा अंधेरा दूर हो जाता है। अंत में उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन व्यस्तता में ही व्यतीत हो जाता है। उसे भजन और सत्संग के लिए समय निकालना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद का वितरण किया गया।

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