-->

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगी आदित्यनाथ का बड़ा कदम: उत्तर प्रदेश के तालाबों का पुनरुद्धार

रामानन्द तिवारी संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नई दिल्ली।
नई दिल्ली/लखनऊ– उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के सभी गांवों में ऐतिहासिक तालाबों को पुनर्जीवित करने और अतिक्रमण से मुक्त कराने की योजना की घोषणा की है। यह निर्णय उनके प्रकृति, पर्यावरण और राष्ट्र प्रेम की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसे उन्होंने हमेशा अपने कार्यों के माध्यम से उजागर किया है। योगी आदित्यनाथ का यह कदम हमारे पूर्वजों के प्रकृति और जल संरक्षण के महत्व को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। इतिहास में, भारत के गांवों में जल संरक्षण के लिए नदियों के अलावा नहरें, नाले, झीलें और भारी संख्या में तालाब बनाए जाते थे। ये तालाब न केवल जल स्रोत के रूप में कार्य करते थे, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
योगी आदित्यनाथ का मानना है कि जल संरक्षण में तालाबों का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा, पहले हर गाँव में तीन से पांच तालाब होते थे, लेकिन आज अधिकांश गांवों में सिर्फ एक तालाब बचा है, और वह भी अतिक्रमण की चपेट में है। हमें अपने पूर्वजों के ज्ञान और पर्यावरण संरक्षण की विरासत को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अज्ञानता, लालच और पूर्व की भ्रष्ट और अंधी सरकारों ने हमारे प्राकृतिक संसाधनों को हानि पहुंचाई है। उन्होंने कहा, "अधिकतर झीलें, नदियाँ, और तालाब अतिक्रमण के कारण समाप्त हो गए हैं या समाप्ति के कगार पर हैं। इन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराकर पुनर्जीवित करना अब हमारी प्राथमिकता है।"
योगी आदित्यनाथ जी ने यह भी घोषणा की कि सरकार सभी गांवों के पुराने दस्तावेजों में दर्ज तालाबों की पहचान करेगी और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक योजना तैयार करेगी। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य है कि हर गांव में जितने तालाब थे, उन्हें फिर से उसी स्थिति में लाया जाए, ताकि जल संरक्षण सुनिश्चित हो सके और गांवों में जल संकट से निपटने में मदद मिल सके। इस निर्णय को लेकर ग्रामीण और पर्यावरणविदों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। जे पी सिंह गूजर, जिन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी, ने कहा, मेरा गाँव भी अतिक्रमण का शिकार है। हमारे चार तालाबों में से तीन को भू माफियाओं ने खत्म कर दिया है। वर्तमान में बचे हुए एक तालाब का भी पूरा रकबा नहीं है। योगी जी का यह कदम हमारे गांवों और पर्यावरण के लिए एक नई आशा की किरण है। योगी आदित्यनाथ जी के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि वे हमारे पूर्वजों के पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों को पुनः स्थापित करने और वर्तमान पीढ़ी को उनकी विरासत से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके इस कदम ने यह भी दिखा दिया है कि कैसे एक दृढ़ और संकल्पबद्ध नेतृत्व पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठा सकता है।
उनका यह निर्णय, जो पर्यावरणीय संतुलन और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करता है, न केवल उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण है। यह पहल हमें यह सिखाती है कि कैसे हमारे पूर्वजों के ज्ञान और अनुभव का सम्मान करते हुए, हम अपने भविष्य को सुरक्षित और स्थिर बना सकते हैं। 
योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय न केवल पर्यावरण प्रेमियों के लिए बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो भारत की प्राकृतिक धरोहर और संसाधनों के संरक्षण में विश्वास रखते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ