हरिद्वार में शुरू होगा किसान कुंभ: टिकैत रसोई के साथ भाकियू का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन ! अशोक भाटी

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
नोएडा/हरिद्वार – उत्तराखंड के हरिद्वार में 16 से 18 जून 2024 तक भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अधिवेशन का उद्घाटन भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत द्वारा किया जाएगा। गौतम बुद्ध नगर नोएडा जिला अध्यक्ष, श्री अशोक भाटी ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि अधिवेशन में लाखों किसान और किसान नेता देशभर से शामिल होंगे।
अधिवेशन के दौरान टिकैत रसोई भी सक्रिय रहेगी, जो किसानों के लिए भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। टिकैत रसोई की शुरुआत लॉकडाउन के दौरान शिव मंदिर, सलारपुर, नोएडा में श्री अशोक भाटी के नेतृत्व में हुई थी। यह रसोई न केवल लॉकडाउन के दौरान बल्कि विभिन्न धरनों, प्रदर्शनों और आपदाओं के समय भी किसानों की सहायता करती रही है।
भाकियू, जिसका गठन 1986 में किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने किया था, का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को सामने लाना और उनका समाधान खोजना है। इस संगठन ने पिछले तीन दशकों से निःस्वार्थ रूप से किसानों के हितों के लिए संघर्ष किया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और महासचिव युद्धवीर सिंह के नेतृत्व में, संगठन ने हमेशा किसानों की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए समर्पित रहा है।
इस अधिवेशन में किसानों की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा होगी, जिसमें फसलों के समर्थन मूल्य, जल संकट, और आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग शामिल है। अशोक भाटी ने कहा, "हमारे गांवों में जल संरक्षण के लिए पूर्वजों द्वारा बनाए गए तालाबों का पुनरुद्धार आवश्यक है। इसी प्रकार, खेती में उन्नत तकनीकों का समावेश भी जरूरी है ताकि किसान कम संसाधनों में अधिक उत्पादन कर सकें।
कार्यक्रम का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना है। सभी किसानों को हरियाली बचाने और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। "किसान हमारी धरती की रक्षा के सच्चे रखवाले हैं। हमें अपनी जमीन और पर्यावरण की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, भाटी ने कहा भाकियू का यह अधिवेशन न केवल कृषि समस्याओं पर बल्कि किसानों के सामाजिक और आर्थिक सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। किसानों की असंगठित स्थिति के कारण उनका अक्सर शोषण होता है और वे शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और वे अपने गांवों में रहकर भी समृद्ध हो सकें, भाटी ने जोर दिया।
भाकियू ने हमेशा शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक आंदोलनों के माध्यम से किसानों की आवाज उठाई है। अधिवेशन में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए किए गए सभी प्रयास लोकतांत्रिक और गैर-हिंसात्मक हों। 
अधिवेशन में सोशल मीडिया की शक्ति और इसके सही उपयोग पर भी चर्चा होगी, ताकि किसान अपने मुद्दों को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त कर सकें और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा सकें। अधिवेशन में भाकियू के शीर्ष नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। विभिन्न राज्यों के प्रदेश और जिला अध्यक्ष भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं और समाधान पर चर्चा करेंगे।
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय किसान यूनियन किसानों के अधिकारों और उनके सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की दिशा में अग्रसर है।

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