मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
गौतम बुध नगर, बंबावड – महात्मा हंसराज आदर्श विद्यालय बम्बावड में आर्य वीर दल के द्वारा आयोजित चरित्र निर्माण शिविर का शुभारंभ हुआ। भाजपा विधायक तेजपाल सिंह नागर ने इस अवसर पर ध्वजारोहण कर प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में आर्य समाज की महान विरासत और शिक्षा के प्रति इसके योगदान को रेखांकित किया।
विधायक नागर ने अपने भाषण में आर्य समाज की शिक्षा नीति की प्रशंसा की, जो न केवल शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी है, बल्कि समाज में संस्कार और नैतिक मूल्यों का प्रसार भी करती है। उन्होंने कहा, "आर्य समाज की विचारधारा ने स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके माध्यम से कई लोगों ने देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।" उन्होंने यह भी कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती की शिक्षा नीति के अनुसार ही राष्ट्र को सशक्त बनाया जा सकता है और इसके द्वारा ही हम भारत को एक बार फिर से 'विश्व गुरु' के पद पर आसीन कर सकते हैं।
श्री नागर ने युवाओं को विभिन्न संकटों और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होने की अपील की। उन्होंने आर्य समाज के युवाओं को इस दिशा में बेहतरीन ढंग से समझने और काम करने की सलाह दी।
आर्य वीर दल उत्तर प्रदेश के संचालक पंकज कुमार आर्य ने अपने वक्तव्य में आर्य समाज के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "आर्य समाज एक ऐसी संस्था है जो ब्रह्मबल और क्षत्रबल, दोनों पर ध्यान देती है। राष्ट्र की रक्षा के लिए हमें क्षत्रिय बल की मजबूती और बुद्धि बल की स्थिरता की आवश्यकता है। इन्हीं गुणों के समन्वय से ही हम राष्ट्र को सही दिशा में ले जा सकते हैं। उन्होंने शिवाजी महाराज और महाराजा जसवंत सिंह के पुत्र पृथ्वी सिंह के देशभक्ति और बहादुरी के उदाहरणों का उल्लेख करते हुए युवाओं को प्रेरित किया।
राजार्य सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महास्य महेंद्र सिंह आर्य ने शिविरों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आर्य समाज नियमित जीवन चर्या और अनुशासन के माध्यम से युवाओं को अप्रत्याशित और अकल्पनीय कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने आर्य समाज के इस चिंतन को न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक बताया।
इस अवसर पर पंकज आर्य, देव मुनि,महास्य महेंद्र सिंह आर्य, सागर आर्य, रविंद्र आर्य, दिवाकर आर्य, शेखर आर्य, दीपक आर्य और उनके सुपुत्र, बिजेंदर आर्य, भूदेव आर्य, श्री निवास आर्य, सतवीर आर्य, ओमेंद्र आर्य, यज्ञपाल मुनि, लीलू आर्य, सतपाल आर्य, देवेन्द्र आर्य सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
शिविर में उपस्थित सभी ने राष्ट्र और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने की प्रतिज्ञा की। शिविर का उद्देश्य युवाओं में अनुशासन, नैतिकता और देशभक्ति की भावना का विकास करना है, जिससे वे समाज के सशक्त और जागरूक नागरिक बन सकें।
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