दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश।
मेरी कविता में लड़की ,
अपनी तरह से सबसे सुंदर होगी ,
उत्साह से भरी होगी !
दुख में जी भर के रोने ,
और ख़ुशी में ,
पूरे मन से खिलखिलाने वाली होगी !
मेरी कविता वाली लड़की के,
दस हाथ नही होंगे !
सिर्फ़ दो ही होंगे !
जो दुनिया भर के
तमाम काम निपटाने के बाद ...
थकते भी होंगे !
मेरी कविता वाली लड़की के अंदर ,
रोज़ थोड़ा अच्छा और
कुछ नया करने का जज़्बा होगा !
रोज़ थोड़ा सा कदम
आगे बढ़ने भर की ,
आँखों में हिम्मत होगी !
मेरी कविता में लड़की
लड़का बनने की होड़ में नही होगी !
बल्कि, वो अपने पूरे रूप से लड़की होगी !
जिसकी ख़ुशियाँ हर जगह गूंज उठेगी ,
और जिसके होने से ,
सबमें कुछ करने गुजरने की हिम्मत होगी !
मेरी कविता वाली लड़की,
बेचारी नहीं होगी !
उसमें लाचारी नही होगी !
क्यूँकि दुनिया को सुंदर होने के लिए ,
सबसे पहले हम सब की कविताओं में ,
बिना पूर्वाग्रह की ख़ुशदिल,
और साहसी लड़कियाँ होनी चाहिए !
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