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नोएडा में जल संकट मंडरा रहा है।, रश्मि पाण्डेय ।


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर ‌ 
ग्रेटर नोएडा।गौतमबुद्धनगर विकास समिति की अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय ने कहा कि मानसून से पूर्व सभी नाले एवं नालियों की सफाई होना अनिवार्य है, जल संकट मंडरा रहा है,  सोसाइटी में एसटीपी प्लांट क्रियान्वत नहीं है,। 1. मानसून से पूर्व नाले एवं नालियों की सफाई:  GBNVS ने अनुरोध किया कि मानसून शुरू होने से पहले सभी खुले नाले एवं नाली प्रणालियों की सफाई की जाए। वर्तमान में, सभी प्रमुख नाली प्रणालियाँ सड़क के कचरे से भरी हुई हैं, जिससे आने वाले मानसून में गंभीर जलभराव और गंदगी उत्पन्न हो सकती हैं।
2. जल आपूर्ति के मुद्दे:कई सोसाइटियों को अपर्याप्त जल आपूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पानी की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है, लेकिन मौजूदा आपूर्ति बढ़ती जरूरतों को पूरा नहीं कर रही है। समिति ने इस मुद्दे को तत्काल सुलझाने और निरंतर जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया। 3. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) का ऑडिट और कार्रवाई:समिति ने अनुरोध किया कि जहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) नहीं चल रहे हैं वहाँ सोसाइटियों का ऑडिट किया जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए। यह स्वच्छता और पर्यावरणीय मानकों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। साथ ही, सोसाइटियों में वर्षा जल संचयन का सर्वेक्षण किया जाए और भू-जल पुनर्भरण के लिए इन्हें कार्यशील बनाने का सख्त प्रावधान किया जाए।  4.वर्षा जल संचयन का प्रवर्तन (RWH): समिति ने प्रस्ताव किया कि सभी नई निर्माण परियोजनाओं और जहाँ संभव हो, मौजूदा संरचनाओं में वर्षा जल संचयन को अनिवार्य किया जाए। इससे जल संरक्षण और जल संकट की समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी। इसमें RO पानी की बर्बादी भी शामिल होगी। 5. हैबतपुर गांव में नाली कवर की मरम्मत:हैबतपुर गांव में, कई नाली कवर टूटे हुए हैं, जो गंभीर दुर्घटना के जोखिम पैदा कर रहे हैं। समिति ने गाँव में रहने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन कवरों की तुरंत मरम्मत करने का अनुरोध किया। 6. पौधों की सिंचाई:  विभिन्न क्षेत्रों में कई पौधे पानी की कमी के कारण सूख रहे हैं। पर्यावरणीय संतुलन और हरियाली बनाए रखने के लिए इन पौधों को नियमित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना आवश्यक है।साथ ही समिति के सचिव अनूप सोनी ने माँग की है कि प्रत्येक सोसाइटी के लिए एक अलग जल मीटर लगाया जाए ताकि प्रत्येक सोसाइटी की पानी की आवश्यकता और बर्बादी का हिसाब लगाया जा सके। पानी का बिल खपत के आधार पर रीडिंग के अनुसार होना चाहिए, न कि क्षेत्रफल के आधार पर। एसीईओ महोदया ने सभी मुद्दों को सुनते हुए संबंधित विभागों को पत्र जारी करने का आश्वासन दिया। हम आशा करते हैं कि इन मुद्दों को शीघ्रता से समस्या का निवारण किया जाएगा आज समिति के अध्यक्ष रश्मि पांडे, सचिव अनूप कुमार  सोनी, उपाध्यक्ष हिमांशु राजपूत और अतुल शर्मा ने अधिकारियों से मुलाकात की।

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