उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन हेतु अपील यह है कि इस श्रमिक दिवस पर मजदूरों का हक मजदूरों को मिल सके उन गद्दारों, भ्रष्टाचारियों, ठिकेदारों व मालिकों के बीच संशोधन करें और उन मजदूरों को उनके मेहनत का दाम मिल सके।
है हुजूर हम मजदूर सबके काम आते हैं। दिन हो चाहे रात हम ना आराम पाते हैं।। सुबह उठते ही हम काम पर चले जाते हैं। शाम को लौटते कुछ अन्न जल ग्रहण कर पाते हैं ।। इतना मेहनत करने के बाद हम मजदूर कहलाते हैं। हम मजदूर कहलाते हैं।। नून रोटी खाकर पानी पीकर सो जाते हैं। हम नींद की गोली नहीं खाते हैं ।।हे नेता गण एवं मुख्यमंत्री जी इस प्राइवेट मजदूर पर कानून बार बार लाते हैं। पर वह कागज में ही और कुंभकरण के जेब में समा जाते हैं।। मजदूर ही मजदूर हम कहलाते हैं । दिन-रात हम मेहनत करते मालिक ऊपर उठ जाता है।। मेहनत का पैसा भी हमें नहीं दे पाता है। उन गद्दारों ठीकेदारों कुंभकरण को दे देता है। मेहनत हम करते हैं वह ठीकेदारों को दे देता है।।
जो करता है मेहनत भरपूर। जिससे रहती है दौलत बहुत दूर।। जिसके चेहरे से उड़ जाता है नूर। दुनिया उसे कहती है मजदूर। दुनिया उसे कहती है मजदूर।। उसके दिल में प्यार परिवार के लिए भरपूर होता है। उसकी मेहनत से ही परिवार के हर सदस्यों के चेहरों पर नूर होता है।। वह अपने घर का होता है बादशाह संगम और दुनिया के लिए मजदूर होता है। वह दुनिया के लिए मजदूर होता है।।
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