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श्रीराम कथा में सीता हरण एवं जटायु उद्धार का मार्मिक प्रसंग सुनाया

कुलदीप चौहान संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स नोएडा।
नोएडा। सेक्टर 82 स्थित पॉकेट 7 में आयोजित श्रीराम कथा के छठवें दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी पंचमानंद महाराज ने कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान राम पंचवटी में निवास करते हैं जहां पर रावण की बहन सूर्पनखा पहुंचती है और विवाह का प्रस्ताव रखती है। बार बार मना करने पर भी नहीं मानती है तो लक्ष्मण जी उसके नाक कान काट लेते हैं। रावण दरबार में सुर्पणखा विलाप करती हुई पहुंचती हैं। रावण ने उसकी दशा देखकर पूछा कि तेरे नाक कान किसने काटे। सुर्पणखा ने कहा कि राम लक्ष्मण दशरथ के पुत्र हैं। राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने नाक कान काटे है और उन्होंने खर दूषण और त्रिसरा का भी वध कर दिया। रावण सोचता हैं खर दूषण को मारने वाला निश्चित ही कोई अवतार है।‘‘ तो मै जाइ बैर हठि करऊॅ। प्रभु सर प्रान तजे भव तरऊॅ’’। रावण मारीचि के पास जाता हैं और राम से बदला लेने के लिए कपट मृग बनने को कहता हैं। मारीचि सोने का मृग बनकर पंचवटी से निकलता हैं तो सीता राम जी से उस स्वर्ण मृग की खाल लाने को कहती हैं। राम जी उसके पीछे जाते है और उस स्वर्ण मृग को एक बाण से मार देते हैं। मारीचि मरते समय हा लक्ष्मण हा लक्ष्मण की आवाज करता हैं। सीता जी ने राम को संकट में जानकर लक्ष्मण को उनकी सहायता में भेजती है। मौका देखकर लंकेश साधु का वेश रखकर सीता को जबरदस्ती सीता को रथ में बैठाकर आकाश मार्ग से जाता हैं।‘‘ गीधराज सुनि आरत बानी। रघुकुलतिलक नारि पहिचानी’’। जटायु रावण पर हमला कर देते हैं इसके बाद लंकेश जटायु के पंख तलवार से काट देता है। इधर राम लक्ष्मण पंचवटी पहुंचते हैं वहां पर सीता को न पाकर दुःखी होकर ढूंढने लगते हैं।‘‘ हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी तुम देखी सीता मृग नैनी’’। रास्ते में घायल गिद्व राज जटायु मिलते हैं वह सारा वृतांत बताते हैं और भगवान की गोद में अपने प्राण त्याग देते हैं। उसके बाद भगवान सबरी के आश्रम पहुंचते हैं जहां पर प्रेम भक्ति में सबरी के झूठे बेर खाते हैं। इस अवसर पर आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राघवेंद्र दुबे ने बताया कि श्रीराम कथा के सातवें दिन हनुमान जी राम जी की भेंट, सुग्रीव मित्रता, बाली वध, सीता खोज, लंका दहन, रावण वध और राम राज्याभिषेक आदि प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा। इस मौके पर देवमणि शुक्ल, रवि राघव, गोरे लाल, रमेश वर्मा, संजय पांडे, अंगद सिंह तोमर, हरि सिंह, संजय शुक्ला, रमेश दास, हंसमणि शुक्ला, विकास शर्मा, राजेश गुप्ता, विश्वनाथ त्रिपाठी, गौरव, जितेंद्र सतपति, रविंद्र कुमार, देवेंद्र गुप्ता, बहादुर चौहान, अनूप सिंह, संगम प्रसाद मिश्रा, प्रकाश जोशी, संदीप, सर्वेश तिवारी, दीपक तिवारी, विष्णु शर्मा, सुशील पाल, नीरज शर्मा, उमाकांत त्रिपाठी सहित तमाम सेक्टरवासी भक्त मौजूद रहे।

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