मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतमबुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा। सावधान। सामाजिक कार्यकर्ता कर्मवीर नागर पूर्व प्रमुख ने नये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अधिग्रहण प्रक्रिया पर अपने विचार रखते हुए कहा कि नये ग्रेटर नोएडा घोषित क्षेत्र के गांवों के विकास की खबरें मुंगेरी लाल के सपने।
अधिग्रहण के बाद विकास की गंगा बहाने वालों के समक्ष नोएडा और ग्रेटर नोएडा के भुक्त भोगी गांवों का पेश करें उदाहरण।
भूमि अधिग्रहण से पहले गांवों के विकास की रखें शर्त, नहीं तो पड़ेगा पछताना पड़ेगा।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के ग्राम वासियों को भी विकास के दिखाए थे सपने जबकि इन गांवों की बदहाली छुपी नहीं है किसी से।
ग्रेटर नोएडा द्वारा 2 साल पूर्व चयनित स्मार्ट विलेज अभी भी बाट जोह रहे विकास की।
गांवों के विकास कार्यों की अनुमति से जुड़ी फाइल प्रक्रिया बहुत लंबी मैराथन। मुझे इसका खासा अनुभव।
गांव के विकास कार्यों की प्रक्रिया में अधिकारी नहीं लेते रुचि। इसलिए खबरों में प्रकाशित चमचमाती सड़कों का निर्माण, ड्रेनेज सिस्टम, सीवरेज सिस्टम, जलापूर्ति, विद्युतीकरण, सामुदायिक केंद्र का निर्माण, पंचायत घर का निर्माण, लाइब्रेरी का निर्माण, प्राथमिक विद्यालय का निर्माण, गांव में हॉर्टिकल्चर लैंड स्केपिंग, गांव में वाई-फाई सुविधा, तालाबों का सौंदर्य करण, युवाओं को रोजगार के लिए हुनरमंद बनाने के लिए रोजगार प्रशिक्षण, कूड़े का प्रबंधन, स्ट्रीट फर्नीचर, खेल के मैदान का निर्माण जैसे विकास कार्यों की फेहरिस्त केवल दिन में सपने दिखाने के सिवा कुछ नहीं।
15- 20 साल पूर्व अधिग्रहित ग्रेटर नोएडा कि गांव और लगभग 40 साल पूर्व से अधिक नोएडा प्राधिकरण के गांवों का आप स्वयं ले सकते हैं जायजा और प्राधिकरण को पेश कर सकते हैं उदाहरण। इसलिए लोक लुभावने बातों में न आकर अधिग्रहण से पूर्व विकास की रखें शर्त।कर्मवीर नागर प्रमुख।
0 टिप्पणियाँ