ग्रेटर नोएडा।इंजीनियरिंग के छात्रों द्वारा किये गये शोध, नवाचार विचारों सहित तकनीकी कौशल को प्रस्तुत करने हेतु मंच प्रदान करने के लिए एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा दो दिवसीय वार्षिक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट एवं पोस्टर प्रस्तुती ‘‘टेक्नोवेट 2024’’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ धानुका एग्रीटेक के समूह मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी श्री कपिल मेहरोत्रा, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एचसीएल टेक के तकनीकी जोखिम के प्रमुख श्री प्रशांत मागो, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पांडेय द्वारा किया गया। इस ‘‘टेक्नोवेट 2024’’ में 300 से अधिक प्रोजेक्ट एवं पोस्टर प्रस्तुती दी गई।कार्यक्रम का शुभारंभ धानुका एग्रीटेक के समूह मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी श्री कपिल मेहरोत्रा ने कहा कि एमिटी द्वारा आयोजित इस विशेष कार्यक्रम मंे प्रस्तुती देने वाले सभी छात्र अपने जीवन मे ंअवश्य सफल होगे। आपकी प्रतिभा और क्षमता सहित विशेषज्ञों के सम्मुख प्रस्तुती का आत्मविश्वास, विकास के नये द्वारा खोल रहा है। उन्होेने छात्रों से कहा कि बहुत कम संस्थानों द्वारा ही छात्रों को इस प्रकार के मंच प्रदान किये जाते है इसलिए हिचकिचाये नही और अपने विचारों को विशेषज्ञों के सामने रखे उनका मागदर्शन आपके लिए हितकारी होगा।एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि एमिटी सदैव अपने छात्रों शोध व नवाचार के लिए प्रेरित करता है जो वर्तमान समय में राष्ट्र व समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। जीवन में हर वस्तु सीमित है किंतु नवाचार विचारों एवं मस्तिष्क की कोई भी सीमा नही है। डा चौहान ने कहा कि दो दिवसीय वार्षिक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट एवं पोस्टर प्रस्तुती ‘‘टेक्नोवेट 2024’’ में छात्रों को विशेषज्ञों से प्राप्त सलाह आगे बढ़ने में सहायक होगा। हमारा उददेश्य छात्रों की क्षमता और योग्यता का उपयोग राष्ट्र निर्माण के लिए करना है।एचसीएल टेक के तकनीकी जोखिम के प्रमुख श्री प्रशांत मागो ने कहा कि इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि का छात्र होने के नाते मै आपके प्रस्तुती के उत्साह और चुनौतियों का समझ सकता हंू। यह आपको एक सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है जब आप अपने प्रोजेक्टों के महत्व को प्रस्तुत कर रहे है। उन्होनें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आने वाले पांच वर्षो के उपरांत उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निवारण पर शोध करें। अपने प्रोजेक्ट के व्यापारिक मूल्यों के अलावा पर्यावरणीय मूल्य और स्थायीत्व मूल्यों के महत्व को भी समझें। जीवन में जोखिम ले और भविष्य को लेकर सदैव शंकित ना रहे।
एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि नवाचार एवं शोध समस्या के निवारण हेतु होना चाहिए। छात्रों को प्रोजेक्ट बनाने, शोध करने के लिए प्रेरित करने से उनके प्रयोगिक ज्ञान कौशल बढ़ता है। नवाचार ही केवल सफलता का मार्ग है। डा शुक्ला ने कहा कि एमिटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उददेश्य भविष्य के मस्तिष्क को आकार प्रदान करना है जो आपको काफी कुछ नया सीखने में सहायता करेगा।एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पंाडेय ने अतिथियो का स्वागत करते हुए कहा कि हम छात्रों के द्वारा किये गये शोध कार्य को पेटेंट और व्यवसायिक उपयोग के लिए भी आगे बढ़ायेगें जिससे उसके उत्पाद बन कर लोगों को लाभ मिल सके। एमिटी में आयोजित इस टेक्नोवेट 2024 में आधुनिक तकनीकी जैसे एआई, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि का उपयोग करके बनाये गये लगभग 300 से अधिक प्रोजेक्ट और शोध नवविचार युक्त पोस्टर प्रस्तुत किये गये है। इस टेक्नोवेट 2024 में एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के बीटेक इलेक्ट्रीकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के रिजुल ठाकुर और आकर्षित ठाकुर ने वायरलेस डिवाइस डिजाइन फॉर मिल्क पॉपींग एंड स्पलिंग प्रिवेनशन, बीटेक मैकेनिकल के साहिल और अराफ मलिक ने डिजाइन एंड इंपलिमेंटशन ऑफ 8 लेग्गड सेमी ऑटोनॉमस स्पाइडर रोबोट यूजिंग थियों जानसेन लिंकेज सहित कई अन्य छात्रो ंने प्रस्तुती दी। इस अवसर पर एमिटी इंटरनेशनल स्कूल सहित कुछ अन्य विद्यालयों के छात्रों ने भी टेक्नोवेट 2024 का भ्रमण किया। कार्यक्रम में एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डा निताशा हस्तीर, प्लेसमेंट एंड इंडस्ट्री रिलेशन की उप निदेशक डा माधुरी कुमारी भी उपस्थित थी।
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