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एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘स्थायीत्व से आगे - पुनर्योजी भविष्य बनाने के लिए समाधान की प्रणाली’’ पर व्याख्यान का आयोजन




मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर ‌ 
गौतमबुद्धनगर।एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा एसपीआईएन सम्मेलन से पहले पूर्व सम्मेलन व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के अंर्तगत यूएसए के कैलीफोर्निया स्थित रिजेनरेटिव इंटेलिजेंस के संस्थापक और सीईओ श्री चाड फ्रिशमैन द्वारा ‘‘स्थायीत्व से आगे - पुनर्योजी भविष्य बनाने के लिए समाधान की प्रणाली’’ विषय पर छात्रों को जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पांडेय द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में यूएसए के कैलीफोर्निया स्थित रिजेनरेटिव इंटेलिजेंस की सह संस्थापक डा ममता मेहरा भी उपस्थित थी।यूएसए के कैलीफोर्निया स्थित रिजेनरेटिव इंटेलिजेंस के संस्थापक और सीईओ श्री चाड फ्रिशमैन द्वारा ‘‘स्थायीत्व से आगे - पुनर्योजी भविष्य बनाने के लिए समाधान की प्रणाली’’ विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में उपयोग में लाइ जा रही कई तकनीकें और अभ्यास, जलवायु परिवर्तन को बढ़ाते हुए भविष्य को नुकसान पहुंचा रहे है। उन्होेने कहा कि ग्रह के सकारात्मक प्रजाति बने। स्थिरता टिकाउ नही है, पुनर्जनन टिकाउ है इसलिए शोषण और निष्कर्षण आधारित विकास अर्थव्यवस्था से दूर रहे और पुनः विकास अर्थव्यवस्था की ओर कदम बढ़ाये। कई संगठन जो पहले से एक उत्पादक भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है और निवेश कर रहे है, यह एक नया प्रारंभ है। हम जो पुनर्योजी भविष्य चाहते है उसे बनाने में जलवायु परिवर्तन उत्प्रेरक हो सकता है। कम उपयोग करें, प्रतिस्थापित करें और पुर्नस्थापित करें यह मंत्र मजबूत भविष्य के लिए कारगर है। श्री फ्रिशमैन ने कहा कि 1.5 डिग्री सेल्सीयस के लक्ष्य की प्राप्ती के लिए 1610 गिगाटन कर्बानडायआक्साइड को कम करना होगा। सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करके ही स्थायीत्व को हासिल किया जा सकता है। पुनर्योजी समाधान ही जलवायु समाधान है इसलिए हमें वैश्विक ताप को कम करना होगा। सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना होगा और पुनर्योजी भविष्य का निर्माण करना होगा लेकिन केवल तभी जब हम मौजूदा प्रणालियों को चुनौती देते है।
यूएसए के कैलीफोर्निया स्थित रिजेनरेटिव इंटेलिजेंस की सह संस्थापक डा ममता मेहरा ने कहा कि एक पुनर्योजी प्रणाली जीवन और कल्याण को हमारे सभी निर्णय लेने में केद्र में रखती है इसमें परस्पर जुड़ समाजिक आर्थिक और प्राकृतिक प्रणालियां शािमल है जो जीवन को उसके सभी रूपों में समय समय पर प्रचुर मात्रा में सुनिश्चित करने के लिए मौजूद है। हम सभी को मिलकर विचार करना चाहिए और स्थायीत्व विकास के प्रति कार्रवाई करनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन हम सभी को प्रभावित करता है इसके लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है।
एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पांडेय ने कहा कि सिग्नल प्रोसेसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेस, प्रौद्योगिकी को नई उचंाईयों पर ले जा रहे है। हम सभी प्रौद्योगिकियों को सतत विकास से जोड़ना होगा। पर्यावरण, सामजिक और सुशासन, स्थायीत्व को प्रमुख कारक है। एमिटी मे ंहम छात्रों को मानव मूल्यों के साथ शिक्षण प्रदान करते है जिससे वे कोरपोरेट में भी जलवायु के महत्व को समझें। हर संस्थान को सतत विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने की दिशा में कार्य करना चाहिए।इस अवसर पर यूएसए के कैलीफोर्निया स्थित रिजेनरेटिव इंटेलिजेंस के संस्थापक और सीईओ श्री चाड फ्रिशमैन और सह संस्थापक डा ममता मेहरा ने एमिटी के विभिन्न संस्थानों के शिक्षकों से मुलाकात की और संयुक्त शोध, सम्मेलन सहित आपसी सहयोग की विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने एमिटी विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय, एमिटी स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन स्टूडियों आदि का दौरा किया। इस कार्यक्रम में एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की डा माधुरी कुमारी, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एन्थ्रोपोलॉजी की डा रूमी देब और एमिटी कॉलेज ऑफ कामर्स एंड फाइनेंस की डा रूचि खंडेलवाल उपस्थित थी।

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