ग्रेटर नोएडा प्रबंधन अध्ययन संस्थान जी आई एम एस में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस क्या आज दूसरा दिन रहा (14 मार्च 2024 - 15 मार्च 2024)I दूसरे दिन देश विदेश केविभिन्न संस्थाओं से आए हुए शोध पत्रों पर व्याख्यान एवं विचारों का आधार प्रदान रहाIअंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन ,का आयोजन ऑनलाइन प्रारूप में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री अभिषेक राम हेड एचआर कामा आयुर्वेद और तकनीकी सत्र की अध्यक्षता के लिए डा. सुमंक दीप पोस्ट डॉक्टोरल फेलो, आई आई टी दिल्ली व डा. अंजली मुंडे प्रोफेसर, बिजनेस एनालिटिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन मलेशिया उपस्थित रहे।संस्थान के निर्देशक डॉक्टर भूपेंद्र कुमार सोम अपने प्रारंभिक उद्बोधन के दौरान आज के वैश्विक परिवेश में टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी, जैसे विषयों पर अपने विचार रखते हुएi आए हुए सभीशोधार्थियों एवं शिक्षा जगत के लोगों के साथ संवाद रखा की कि आज के इस परिवेश में अगर उत्कृष्ट की तरफ अग्रसर होना हैतो इन तीनों ही परिस्थितियों का परस्पर्क समावेश की हमें उसे उस दिशा की तरफ हमें ले जा सकता हैI
आज के मुख्य अतिथि रहे श्री अभिषेक राम हेड एचआर कामा आयुर्वेद अपनेअभी भाषण के दौरानसमस्तविचार रखते हुएइस बात की महत्वता को बल प्रदान किया कि आज के बदलते वैश्विक घटनाक्रम को देखते हुए टेक्नोलॉजी सस्टेनेबिलिटी,इनोवेशन के साथ-साथ इमोशंस की भी अपनी एक विशेष महत्वता हैI इसके साथ भीअगर इनका परस्पर संवाद हो भी जाता है लेकिन अगर व्यक्ति विशेष के अंदर क्रियाशीलता का अभाव है, तो संभवतसफलता के मार्ग से हम दूर हो जाएंगेI उन्होंने वर्तमान स्थिति को देखते हुए इन सभी विषयों को पारस्परिक अनुपात के अनुसार भी अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनने के लिए आग्रह कियाआर्थिक वैश्विक सामाजिक एवं पर्सनल लेवल पर भी इंसान हर क्षेत्र में अपने कीर्तिमान की तरफ बढ़ सकेI
अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के द्वितीय दिवस में आयोजित शोध पत्रों के प्रेजेंटेशन की प्रक्रिया के दौरान इसकी टेक्निकल सत्र अध्यक्षता डा. सुमंक दीप पोस्ट डॉक्टोरल फेलो, आई आई टी दिल्ली व डा. अंजली मुंडे प्रोफेसर, बिजनेस एनालिटिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन मलेशिया द्वारा की गईI दोनों ही विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न शोधार्थियों के शोध पत्रों के प्रेजेंटेशन के दौरानविभिन्न पहलुओं से उनके शोध को समझा और उसे पर बारीकियां से अपने विचार को साझा किया और यथावत स्थान पर सभी शोधार्थियों को क्या बदलाव सुझाव के माध्यम से प्रेषित कियाI अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस ने प्रतिभागियों को एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया जहां विभिन्न राष्ट्रों के 50 से भी अधिक अनुसंधानकर्ता, शोधार्थियों व विशेषज्ञों ने नवाचार, वहनीयता और तकनीकी प्रसंग पर अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा की और नवाचार विचारों को साझा किया। इस कांफ्रेंस के दौरान, विशेषज्ञों ने वैश्विक समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया जैसे कि पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय और सुरक्षा। प्रतिभागी विशेषज्ञों के अनुभव एवं ज्ञान से परिपूर्ण टिप्पणियों से लाभान्वित हुए।
कार्यक्रम के समापन के दौरान संस्थान के सीईओ श्री स्वदेश सिंह ने इन सभी गहन चर्चाओं में प्रतिभाग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और यह आश्वासन दिया कि आगामी समय में भी वह इस प्रकार की वैश्विक समस्यायों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए ऐसी परिषदों का आयोजन करने के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहेंगे। संस्थान के अध्यक्ष श्री राजेश गुप्ता व वाइस चेयरमैन श्री गौरव गुप्ता ने सभी को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। संस्थान के प्रबंध समिति ने संस्थान के निर्देशक सहित समस्त विभाग अध्यक्षों एवं शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की सफल आयोजन हेतु बधाई प्रेषित कीI और यह आशा के साथ आशीर्वाद प्रदान किया कि भविष्य में भी इस तरीके के नवाचार के व्यवस्था को संवाद एवं शोध के माध्यम से परस्परआदान प्रदान की प्रक्रिया को अनवरत बनाए रखने के लिए संस्थान प्रतिबद्ध रहेगाIअंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का संयोजन डा. अंशिका राजवंशी, प्रोफेसर विभांशु एवं प्रोफेसर प्राची पचौरी के द्वारा किया गयाI कार्यक्रम का समापन संस्थान के निदेशक डा. भूपेंद्र कुमार सोम द्वारा सभी अतिथियों और शोधकर्ताओं धन्यवाद ज्ञापित करके किया गया। अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के दौरान संस्थान से डिप्टी डायरेक्टर डा. रुचि रायत, डीन आउटरीच एंड स्टूडेंट वेलफेयर डा. शालिनी शर्मा, डीन एकेडमिक्स डा. यामिनी पांडेय, डीन एग्जामिनेशन डा. निशांत सिंह व डीन आउटरीच इंगेजमेंट एंड सीआरसी मुदित तोमर आदि उपस्थित रहे। इसके साथ-साथ संस्थान के समस्त शिक्षा एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारी भी उपस्थित रहेI
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