नोएडा। समाजवादी पार्टी ने ही अपने समर्पित कर्मठ कार्यकर्ता की राजनीतिक हत्या की है! एक समर्पित कार्यकर्ता आकाओं का आदेश आते ही लोकतंत्र के पर्व की खुबसूरती को और खुबसूरत बनाने कै लिए तन, मन और धन से रात दिन एक करते हुए चुनाव के महासमर में कूद पड़ता है, लेकिन इसी दौरान आकाओं को याद आया पहले कुछ गलती हो गई उस गलती का सुधार कर लेना चाहिए, एक ग़लती को सुधारने के चक्कर में बड़े आका बड़ी ग़लती कर बेठे। एक अन्य गलती को आगे बढ़ाया गया। ईस तरह की राजनीतिक पार्टी को राजनीतिक परिपक्वता नहीं कह सकते। ईस घटना के लेकर एक आम कार्यकर्ता भी दुखी महसूस कर रहा है क्योंकि पार्टी ने अपने ही कार्यकर्ता को स्वयं पार्टी ने हरा दिया। कहीं ऐसा ना हो डाक्टर महैन्द्र नागर का टिकट कटना सपा का ताबूत की आखीरी कील ने बन जाये। पार्टी का ईस परिस्थिति में हारना तो तय है ही! भविष्य में कहीं नोएडा लोकसभा सीट पर पार्टी को कोई प्रत्याशी भी न मिले,यह भूल पार्टी की भयानक भूल ने साबित हो। पूर्व में भी सामाजवादी पार्टी ने एक अनुभवी, पार्टी के लिए 24 घंटे कार्य करने वाले समर्पित, कर्मठी कार्यकर्ता का आठ माह बाद टिकट को काट कर किसी और को थमा दिया था। ईस पुरे प्रकरण में पार्टी का आम कार्यकर्ता तो असहज हैं ही, पद पर बेठा कार्यकर्ता को भी डर है यह घटना किसी के साथ भी घट सकती है और मेरे साथ भी। जो पार्टी नेतृत्व ने आज कार्य किया है उस को पहले भी किया जा सकता था। ईस घटना को लेकर नोएडा लोकसभा का समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता नया खेल खैलने की सोच रहा है, नये खेल को समय खुद परिभाषित करेगा।
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