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गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन का छात्रा की टीसी के लिये सीबीएसई एवम आयोग को पत्र।



जीपीए की जीडी गोयनका स्कूल की मनमानी पर लगाम लगाने के लिये बाल आयोग से गुहार
राजेंद्र चौधरी दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स संवाददाता गाजियाबाद
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन एक ऐसी संस्था है जो पिछले कई वर्षों से अभिभावक एवम छात्र-छात्राओं की आवाज बनी हुई है हम कह सकते है कि ये संस्था अभिभावको के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य कर रही है इसका एक और उदाहरण हमे देखने को मिला जब गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने अभिभावक की शिकायत का तत्काल सज्ञान लेते हुये उसकी बेटी की टी .सी दिलाने और अनावश्यक ट्रांसपॉर्ट शुल्क मांगने पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग , नई दिल्ली के चेयरमैन को पत्र लिखा है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि अभिभावक अमित रस्तोगी के दो बच्चे बेटा कक्षा 12 एवम बेटी कक्षा 8 में इंदिरापुरम के जी.डी गोयनका पब्लिक स्कूल में पढ़ते है अभिभावक के बेटे द्वारा स्कूल से चौथे क्वार्टर (  जनवरी , फरवरी , मॉर्च ) की ट्रांसपॉर्ट सुविधा नही ली गई ट्रांसपॉर्ट सुविधा नही लेने की सूचना पूर्व में ही पैरेंट द्वारा मौखिक और लिखित रूप से स्कूल प्रबंधन को दे दी गई थी उसके बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा पैरेंट से तीन महीने की ट्रांसपोर्ट फीस ( 12600 रुपये ) जमा करने का दबाब बनाया जा रहा है जबकि इन तीन महीनों की ट्रांसपोर्ट सुविधा प्रार्थी के बेटे द्वारा ली ही नही गई दबाब बनाने की असवैधानिक प्रक्रिया के तहत स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रार्थी के बेटे का बोर्ड परीक्षा का एडमिट कार्ड  को भी रोक दिया गया था जो बाद में स्कूल को जारी करना पड़ा था अब पैरेंट द्वारा अपनी बेटी का दाखिला किसी अन्य स्कूल में कराने के लिए लिये स्कूल से टी. सी मांगी जा रही है तो स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रार्थी से ट्रांसपोर्ट फीस जमा करने पर ही टी. सी जारी करने के लिए कहा गया है जबकि स्कूल का अभिभावक अमित रस्तोगी की बेटी पर किसी भी प्रकार का कोई बकाया मौजूद नही है छात्रा की टी. सी नही मिलने के कारण उसके दाखिले की प्रक्रिया में विलंब होता जा रहा है साथ ही स्कूल द्वारा निरन्तर प्रार्थी और उसके बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है जो शिक्षा के अधिकार की मूल भावना को आहत करता है इसलिये गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा सीबीएसई और बाल आयोग को पत्र लिखकर  निवेदन किया  है कि विषय का तत्काल सज्ञान लेकर छात्रा की टी.सी जारी कराई जाए एवम जो ट्रांसपॉर्ट की सविधा प्रार्थी द्वारा पूर्व सूचना देकर तीन महीने के लिए ली ही नही गई उसकी अनावश्यक फीस 12600 रुपये को निरस्त कराया जाये साथ ही स्कूल को निर्देशित किया जाए कि स्कूल प्रबंधन द्वारा किसी भी दशा में छात्र- छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित न किया जाये । हमें   उम्मीद है कि बाल आयोग और सीबीएसई छात्रा के शिक्षा के अधिकारों का हनन नही होने देगी 


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