वाराणसी। विश्व वंदनीय संत सम्राट सदगुरु कबीर जी महाराज के 506 वां महापरिनिर्वाण महोत्सव पर डॉ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, भीम हाल, जनपद रोड 15, नई दिल्ली में कबीर कोहिनूर सम्मान समारोह 2024 का भारतीय संतों की गरिमामई उपस्थिति में आयोजन किया गया। कंपोजिट विद्यालय देहली विनायक सेवापुरी, वाराणसी के नेशनल इनोवेटिव एवार्डी टीचर डॉ.श्रवण कुमार गुप्त को नई दिल्ली में उत्कृष्ट शिक्षा सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ.श्रवण कुमार गुप्त को उनके बेसिक शिक्षा के 24 वर्षों में किए गए उनके शैक्षिक व शोध कार्यों ,विज्ञान शिक्षा में विज्ञान प्रयोगशाला निर्माण, कांसेप्ट मैपिंग जो उनके शैक्षिक जीवन का विजन व मिशन है, को राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल इनोवेटिव बेस्ट प्रैक्टिसेज , मिशन प्रेरणा माड्यूल ध्यानाकर्षण ,शिक्षण संग्रह एवं आधारशिला का लेखन कार्य, राज्य गुणवत्ता समूह सदस्य, समग्र शिक्षा, उत्तर प्रदेश, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सारनाथ वाराणसी में शिक्षक प्रशिक्षक, सह समन्वयक (विज्ञान शिक्षा ) बी.आर.सी . सेवापुरी संग ब्लॉक, जनपद, में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन एवं इसके विकास में शिक्षक व शिक्षक प्रशिक्षक के उत्कृष्ट कार्य हेतु कबीर कोहिनूर सम्मान से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और जर्नल्स में शोध पत्रों व दर्जनों पुस्तकों में शोध पत्र ,आलेखों का प्रकाशन भी हुआ है ।वर्तमान समय में एस सी ईआर टी, लखनऊ, राज्य परियोजना कार्यालय ,सीमैट प्रयागराज जैसे शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक मॉड्यूल एवं हस्तपुस्तिकाओं के लेखन कार्य में अपनी भूमिका का भी निर्वहन कर रहे हैं। एक शोधकर्ता, नवाचारी शिक्षक, पुस्तक लेखन, पुस्तक समीक्षा, विज्ञान शिक्षा, हिंदी भाषा के कौशलों व प्रचार प्रसार हेतु सदैव संलग्न है । भारत सरकार के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, महानिदेशक स्कूली शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा भी सम्मानित किए गए हैं। इस कबीर कोहिनूर सम्मान से सम्मानित होने पर उन्होंने नई दिल्ली में भारत भूषण महंत डॉ नानक दास महाराज, संस्थापक अध्यक्ष अखिल भारतीय कबीर मठ सदगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान, आचार्य श्री 1008 श्री विचार दास महाराज, कबीर समाधि स्थल मगहर , नवल किशोर दास, संपूर्णानंद जी महाराज, महंत रमैया दास महाराज, स्वामी पंकज कृष्ण, आचार्य प्रमोद कृष्ण महाराज कल्कि पीठाधीश्वर, सूर्यकांत केलकर ,कमांडर डॉ. भूषण दीवान, बावलिया बाबा प्रकाश दास महाराज (मोदी जी के साथ तपस्या) ,महंत नरेंद्र दास, डॉ. परीन सोमानी, निदेशक लंदन कौशल विकास संगठन, यूनाइटेड किंगडम, डॉ.सौरभ पांडेय ,मानद कुलपति जिम्बाब्वे ,उम्मेद राम इणखिया (भोजन व्यवस्था) एवं राजेश रतन भारद्वाज, हिमाचल प्रदेश भूमि दान इत्यादि की गरिमामई उपस्थिति रही। सम्मानित होते समय भारत भूषण महंत डॉ नानक दास महाराज को उनके जीवन पर आधारित बायोग्राफी मैपिंग व दिवास्वप्न की कांसेप्ट मैपिंग एवं विज्ञान चालीसा की प्रति भेंट स्वरूप प्रदान किया गया जो इस समारोह में आकर्षण का केंद्र रहा। इस सम्मान समारोह में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं असम के मुख्यमंत्री डॉ हेमंत विश्व शर्मा का शुभकामना संदेश भी प्राप्त हुआ जो भारत के 100 असाधारण व्यक्तियों के लिए प्रेरणास्रोत रहा। इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी संदेश निम्नवत रहा। अपने ज्ञान व अध्यात्म की विरासत पर गर्व के भाव के साथ देश प्रगति के पद पर अग्रसर है। संत कबीर जी के महापरिनिर्वाण महोत्सव के दौरान नि:स्वार्थ भाव से देश की सेवा करने वाले 100 असाधारण व्यक्तियों को सम्मानित करना सराहनीय है। इससे लोगों को समाज के लिए कार्य करने की नव प्रेरणा मिलेगी । अमृत लाल में एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा राष्ट्र संत कबीर के जीवन व विचारों को आत्मसात करते हुए इस कर्तव्य काल में उन्नत की नई ऊंचाइयों को छूएगा। मुझे विश्वास है कि समारोह में सम्मानित हो रहे सभी साथी एक नई ऊर्जा के साथ समाज की बेहतरी के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे और अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम के भव्य उद्घाटन एवं समापन समारोह में प्रिंस स्कूल एकेडमिक सीकर के बच्चों द्वारा मंगल ध्वनि, देशभक्ति गीत व स्वागत सम्मान ,अभिनंदन बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण वादन संग किया गया, जो इस समारोह की भव्यता में चार-चांद लगा दिया। मंच का संचालन डॉ. अभिषेक कुमार एवं जसप्रीत कौर द्वारा किया गया। विद्यालय की वार्षिकोत्सव समारोह "उन्नयन "में डॉ. श्रवण कुमार गुप्त को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार पाठक एवं खंड शिक्षा अधिकारी संजय कुमार यादव द्वारा अंग वस्त्र व माल्यार्पण करके स्वागत किया गया। उन्होंने अपना यह सम्मान अपने विद्यालय परिवार के सभी शिक्षकों, अभिभावकों,बच्चों एवं अपने माता-पिता और परिवार जनों को समर्पित किया।
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